शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे पीएम मोदी, 15-16 सितंबर को उजबेकिस्तान दौरे पर प्रधानमंत्री

शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेता, पर्यवेक्षक राज्यों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस) के कार्यकारी निदेशक और अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे। 

Dheerendra Gopal | Published : Sep 11, 2022 5:27 PM IST / Updated: Sep 11 2022, 11:43 PM IST

नई दिल्ली। पीएम मोदी (PM Modi) अगले सप्ताह उजबेकिस्तान के दौरे (PM Modi Uzbekistan visit)पर होंगे। वह शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (Shanghai Cooperation Organization Summit) में शिरकत करने उजबेकिस्तान जा रहे हैं। इस सम्मेलन में जुटने वाले नेता, दो दशक के शंघाई सहयोग संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और बहुपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे। पीएम का दौरान 15-16 सितंबर को होगा।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि सम्मेलन में कौन-कौन जुट रहा

पीएम मोदी जिस शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं उसमें कई देशों के नेता शिरकत करेंगे। सम्मेलन में तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति भी मौजूद रहेंगे। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि शिखर सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेता, पर्यवेक्षक राज्यों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस) के कार्यकारी निदेशक और अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे। 

उजबेक राष्ट्रपति के आमंत्रण पर जा रहे पीएम मोदी

उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में शिरकत करने जा रहे हैं। राष्ट्रपति मिर्जियोयेव ने पीएम मोदी को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राज्य प्रमुखों की परिषद की 22 वीं बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। भारत के प्रधानमंत्री ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए 15-16 सितंबर को समरकंद का दौरा करने का निर्णय लिया है।

द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे दोनों राष्ट्राध्यक्ष

पीएम मोदी के उजबेकिस्तान दौरे के दौरान दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुख, द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधि या सदस्य, पिछले दो दशकों की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। साथ ही भविष्य की योजनाओं पर मंथन कर रणनीति तैयार करेंगे।

क्या है शंघाई सहयोग संगठन?

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है। भौगोलिक क्षेत्र और जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है। एससीओ, यूरेशिया के लगभग 60% क्षेत्र, विश्व जनसंख्या का 40% और ग्लोबल जीडीपी के 30% से अधिक को कवर करता है। एससीओ का पूर्व संगठन शंघाई फाइव है। शंघाई फाइव का गठन 1996 में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान के बीच आपसी सुरक्षा समझौता के साथ हुआ था। 15 जून 2001 को इन राष्ट्रों और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने नए संगठन की घोषणा करने के लिए मुलाकात की और शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना की। एसीओ के चार्टर पर 7 जुलाई 2002 को हस्ताक्षर किए गए थे। यह चार्टर 19 सितंबर 2003 को लागू किया गया। शंघाई फाइव में पांच देश थे लेकिन शंघाई सहयोग संगठन में छह देश शामिल हुए, बाद में भारत और पाकिस्तान के भी सम्मिलित होने के बाद इसके आठ सदस्य देश हो गए। भारत और पाकिस्तान 9 जून 2017 को शामिल हुए थे। 

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