सतर्कता जागरुकता सप्ताह: PM मोदी बोले-'8 वर्षों से अभाव और दबाव से बनी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (3 नवंबर) को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में CVC के सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम सीवीसी के नए शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल का भी शुभारंभ किया।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 3, 2022 3:19 AM IST / Updated: Nov 03 2022, 02:18 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(PM modi) ने आज (3 नवंबर) को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय सतर्कता आयोग (central vigilance commission-CVC) के सतर्कता जागरूकता सप्ताह(Vigilance Awareness Week) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम ने सीवीसी के नए शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल(Grievance Management System Portal) का भी शुभारंभ किया। पोर्टल की परिकल्पना नागरिकों को उनकी शिकायतों की स्थिति के बारे में नियमित अपडेट के माध्यम से शुरू से अंत तक जानकारी देने के लिए की गई है। प्रधानमंत्री ने "नैतिकता और अच्छे व्यवहार" पर सचित्र पुस्तिकाओं की एक सीरिज का लोकार्पण किया, जो "निवारक सतर्कता" के बारे में श्रेष्ठ प्रथाओं का संकलन है। इसके अलावा पीएम ने सार्वजनिक खरीददारी पर "विजय-वाणी" का विशेष अंक भी जारी किया।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2022 के बीच केंद्रीय सतर्कता आयोग के 'शिकायत प्रबंधन प्रणाली' पोर्टल के शुभारंभ के दौरान एक छात्र को निबंध लेखन प्रतियोगिता का पुरस्कार प्रदान करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी। साथ में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा भी हैं। 

ये सतर्कता सप्ताह सरदार साहब(सरदार पटेल) की जयंती से शुरू हुआ
मोदी ने कहा-ये 'सतर्कता सप्ताह' सरदार साहब की जन्म जयंती से शुरू हुआ है।  सरदार साहब का पूरा जीवन ईमानदारी, पारदर्शिता और इससे प्रेरित पब्लिक सर्विस के निर्माण के लिए समर्पित रहा। इसी प्रतिबद्धता के साथ सतर्कता को लेकर जागृति का ये अभियान चलाया जा रहा है। हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तीन स्तंभों पर काम कर रहे हैं। पहला है आधुनिक तकनीक का रास्ता; दूसरा, मूलभूत सुविधाओं के संबंध में संतृप्ति स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य; तीसरा, आत्मानिर्भरता का मार्ग। हमारे देश में भ्रष्टाचार की और देशवासियों को आगे बढ़ने से रोकने वाली दो बड़ी वजह रही है। एक सुविधाओं का अभाव और दूसरा सरकार का अनावश्यक दबाव। बीते 8 वर्षों से अभाव और दबाव से बनी व्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे हैं, डिमांड और सप्लाई के गैप को भरने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हमने तीन रास्ते चुने हैं- आधुनिक टेक्नोलॉजी, मूल सुविधाओं के सैचुरेशन का लक्ष्य और तीसरा आत्मनिर्भरता का रास्ता। किसी भी सरकारी योजना के लाभ हर पात्र लाभार्थी तक पहुंचना, सैचुरेशन के लक्ष्यों को प्राप्त करना, समाज में भेदभाव भी समाप्त करता है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश को भी खत्म कर देता है। हमारी सरकार द्वारा हर योजना में सैचुरेशन के सिद्धांत को अपनाया है। विभिन्न सरकारी विभागों में जनता के लिए एक स्वस्थ शिकायत निवारण प्रणाली रही है। लेकिन अगर हम एक कदम आगे बढ़ते हैं, और लोक शिकायत प्रणाली का ऑडिट सुनिश्चित करते हैं, तो हम भ्रष्टाचार के मूल आधार तक पहुंच सकते हैं और उस पर जड़ से हमला कर सकते हैं।

मोदी ने यह भी कहा
छात्र यहां आए हैं, लेकिन सिर्फ 20% पुरुष भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में इनाम ले गए और 80% इनाम बेटियां ले गई। इस 20 को 80 कैसे करें क्योंकि डोर तो उनके हाथ में है। इन पुरुष में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ वही ताकत पैदा हो जो बेटियों के दिल-दिमाग में है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करने वाले CVC और बाकी संगठनों को रक्षात्मक होने की ज़रूरत नहीं है। मैं लंबे अरसे से इस व्यवस्था से निकला हूं, लंबे अरसे तक सरकार के प्रमुख के रूप में काम करने का मौका मिला, मैंने बहुत गालियां सुनी है, बहुत आरोप सुना है,मेरे लिए कुछ नहीं बचा है।

पीएम मोदी ने कहीं ये कुछ खास बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार रोधी एजेंसियों को अपना समर्थन दिखाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए उन्हें रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है, भले ही कुछ ‘निहित स्वार्थ’ वाले लोग उन्हें गालियां और बदनाम करते रहें।  प्रधान मंत्री ने पैनल, अन्य एजेंसियों और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि कोई भी भ्रष्ट व्यक्ति बख्शा नहीं जाए, चाहे वह व्यक्ति कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो। उन्होंने कहा कि यह सीवीसी जैसे संगठनों की जिम्मेदारी है कि किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को 'राजनीतिक या सामाजिक शरण' न मिले।

बिना किसी का नाम लिए मोदी ने कहा कि लोग भ्रष्ट लोगों के समर्थन में तर्क दे रहे हैं और उन्हें पुरस्कार देने की वकालत कर रहे हैं। भ्रष्ट और भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली सीवीसी जैसी एजेंसियों को रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है। अगर आप देश के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं, तो अपराधबोध में रहने की कोई जरूरत नहीं है।

हमारे पास राजनीतिक एजेंडे पर काम नहीं है, लेकिन देश के आम आदमी के सामने आने वाली समस्याओं को मिटाना हमारा कर्तव्य है। निहित स्वार्थ वाले लोग चिल्लाएंगे, वे संस्थानों का गला घोंटने की कोशिश करेंगे, वे समर्पित लोगों को बदनाम करने की कोशिश करेंगे। यह सब होगा।

अपने स्वयं के अनुभव का हवाला देते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि सरकार के प्रमुख के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान वह कीचड़ उछालने और गालियों से गुजरे हैं, लेकिन जब आप ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो लोग आपके साथ खड़े होते हैं।

मोदी ने कहा कि सभी सरकारी एजेंसियों को भ्रष्टाचार की व्यवस्था और परंपरा को बदलने के लिए काम करना चाहिए क्योंकि भारत आजादी के 75 साल मना रहा है।
उन्होंने कहा कि देश को प्रशासनिक पारिस्थितिकी तंत्र में भ्रष्टाचार के लिए "जीरो टॉलेरेंस" रखने की आवश्यकता है और यह एक विकसित भारत के विचार के लिए काम करेगा।

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जीवन के सभी क्षेत्रों में एकता के संदेश को फैलाने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए, केंद्रीय सतर्कता आयोग हर साल सतर्कता जागरूकता सप्ताह आयोजित करता है। इस वर्ष, यह 31 अक्टूबर से 6 नवंबर तक "एक विकसित राष्ट्र के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत" विषय के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री सतर्कता जागरूकता सप्ताह के उपरोक्त विषय पर सीवीसी द्वारा आयोजित एक राष्ट्रव्यापी निबंध प्रतियोगिता के दौरान सर्वश्रेष्ठ निबंध लिखने वाले पांच छात्रों को भी पुरस्कार प्रदान किया।

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