पीएम मोदी ने ओलंपिक कमेटी से भारत को 2036 की मेजबानी की जताई इच्छा, कहा-आपके सहयोग से यह सपना पूरा करना चाहते

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों से भारतीय, अपने देश में ओलंपिक के आयोजन का सपना देख रहे हैं। हम आपके सहयोग से यह सपना पूरा करना चाहते हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Oct 14, 2023 3:51 PM IST / Updated: Oct 14 2023, 09:44 PM IST

PM Modi on hosting Olympic 2036: भारत अगली बार होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी को इच्छुक है। इंडिया ने कहा कि वह 2029 के यूथ ओलंपिक गेम्स और 2036 के ओलंपिक की मेजबानी करना चाहता है। इसके लिए ओलंपिक कमेटी में दावा किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुंबई में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के सेशन में भी इंडिया के दावे पर मजबूती से सहमति जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों से भारतीय, अपने देश में ओलंपिक के आयोजन का सपना देख रहे हैं। हम आपके सहयोग से यह सपना पूरा करना चाहते हैं।

 

 

भारतीय अर्थव्यवस्था में होगा सुधार

141वें इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी सेशन की मीटिंग पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को मुंबई में संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी करना चाहता है। भारतीय कई वर्षों से अपने देश में ओलंपिक के आयोजन का सपना देख रहे हैं। हम आपके सहयोग से यह सपना पूरा करना चाहते हैं। भारत, 2036 में ओलंपिक खेलों के आयोजन के अलावा 2029 में युवा ओलंपिक खेलों का आयोजन भी करना चाहता है। अगर इस देश में ओलंपिक हुए तो खेल का नक्शा बदल जाएगा। ओलंपिक, विश्व कप जैसी प्रतियोगिताएं किसी देश के आर्थिक विकास में मदद करती हैं। यदि ओलंपिक इस देश में आयोजित किया जाता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।

 

 

आईओसी ने क्रिकेट को 2028 ओलंपिक में किया शामिल

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष थॉमस बाख ने शुक्रवार को क्रिकेट की लोकप्रियता का हवाला देते हुए 2028 के ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने क्रिकेट को भारत के सबसे प्रिय खेलों में से एक मानते हुए इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने देश के बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक्स और ओलंपिक को सफलतापूर्वक आयोजित करने की क्षमता पर प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने कहा कि भारत, ग्लोबल इवेंट्स और प्रतियोगिताओं की मेजबानी करने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी खेल की दुनिया में योगदान देने और एथलेटिक प्रतियोगिता के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने की उसकी प्रतिबद्धता का संकेत देती है।

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