प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में अखिल भारतीय शिक्षा संगम (Akhil Bharatiya Shiksha Samagam) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने पीएम श्री योजना (PM SHRI Scheme) की पहली किस्त भी जारी की।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में अखिल भारतीय शिक्षा संगम (Akhil Bharatiya Shiksha Samagam) का उद्घाटन किया। इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पीएम श्री योजना (PM SHRI Scheme) के तहत धनराशि की पहली किस्त जारी की।
क्या है पीएम श्री योजना?
केंदीय कैबिनेट ने 7 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) नाम की नई केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दी थी। पीएम श्री योजना 2022-23 से 2026-27 तक के लिए है। इसमें शामिल स्कूल दिखाएंगे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को किस तरह बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है। ये दूसरे स्कूलों के लिए मॉडल बनेंगे और पड़ोस के अन्य स्कूलों का नेतृत्व भी करेंगे।
पीएम श्री स्कूल्स का ऑनलाइन पोर्टल 3 नवंबर 2022 को लॉन्च किया गया था। पीएम श्री स्कूल योजना में शामिल होने के लिए स्कूलों को इस पोर्टल पर आवेदन करना होता है। इसके बाद तीन चरणों की प्रक्रिया में तय किया जाता है कि स्कूलों को योजना में शामिल किया जाए या नहीं।
पीएम श्री योजना से मिलते हैं ये लाभ
पीएम श्री योजना का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा देने की आधुनिक और समग्र पद्धति को अपनाना है। इस योजना के लिए जिन स्कूलों का चुनाव होता है उन्हें बड़ा बजट, आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ कई अन्य लाभ मिलते हैं। पांच साल में इस योजना के तहत 27360 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इसमें 18128 करोड़ रुपए का केंद्रीय हिस्सा शामिल है।
1- यह तय किया जाता है कि बच्चों को स्कूल में बेहतर शिक्षा मिले। उन्हें कुछ नया करने का हुनर सिखाया जाता है। छात्रों में क्षमता निर्माण किया जाता है। उन्हें स्थानीय कारीगरों के साथ इंटर्नशिप जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
2- योजना में शामिल स्कूलों को समग्र स्कूल अनुदान, पुस्तकालय अनुदान और खेल अनुदान मिलता है।
3- स्कूल आने वाले छोटे-छोटे बच्चों के लिए बालवाटिका तैयार की जाती है।
4-स्कूल में लड़कियों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए सुरक्षित और उचित बुनियादी ढांचा बनाया जाता है।
5- बच्चों को इस बात के लिए बढ़ावा दिया जाता है कि वे अपने पसंद के विषय चुन सकते हैं।
6- बच्चे टीचर द्वारा पढ़ाई गई बातों को बेहतर तरीके से समझ सकें इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही शिक्षा में मातृभाषा को बढ़ावा दिया जाता है।
7- स्कूल में स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की जाती है।
8- स्कूल के इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाता है।
9- छात्रों को पढ़ने के बाद रोजगार मिले इसके लिए स्थानीय उद्योग के साथ इंटर्नशिप की व्यवस्था की जाती है। इसके साथ ही छात्रों के कौशल विकास पर बल दिया जाता है।