राहुल पर मोदी का हमला, PM का गला घोंटा, आवाज दबाई, लोकतंत्र में इसकी जगह नहीं

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) की शुरुआत में कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि प्रधानमंत्री की आवाज दबाने की कोशिश की गई, गला घोंटा गया।

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) की शुरुआत सोमवार से हुई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बाहर देश को संबोधित किया। उन्होंने नाम लिए बिना कांग्रेस और राहुल गांधी पर सदन में हंगामा करने के लिए जमकर प्रहार किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री का गला घोंटा गया, आवाज दबाने की कोशिश की गई।

पीएम मोदी ने कहा, "आज संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है। देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक, सृजनात्मक और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नीव रहने वाला हो। करीब 60 साल बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आई है और तीसरी पारी का पहला बजट रखने जा रही है।"

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विकसित भारत की नीव रखेगा बजट

पीएम ने कहा, "ये बजट सत्र है। मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं। उनको जमीन पर उतारना, इस लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। ये बजट अमृत काल का एक महत्वपूर्ण बजट है। हमें 5 साल का जो अवसर मिला है। आज का बजट हमारी उस दायरे की दिशा तय करेगा। ये बजट 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे तब विकसित भारत का जो हमारा सपना है, उसे पूरा करने के लिए मजबूत नीव वाला होगा।"

उन्होंने कहा, "मैं देश के सभी सांसदों से चाहे किसी भी दल से हों, आग्रह पूर्वक कहना चाहता हूं। पिछले जनवरी से हमारे पास जितना सामर्थ्य था, जितनी लड़ाई लड़ ली। जनता को जो बात बतानी थी बता दी। किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया, किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया। अब वो दौर खत्म हुआ। देशवासियों ने अपना निर्णय दे दिया। अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है कि हमें दल के लिए जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली। अब आने वाले 5 साल के लिए देश के लिए लड़ना है। मैं सभी राजनीति दलों से कहूंगा कि आइए हम आने वाले 4.5 साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद की इस गरिमापूर्ण मंच का उपयोग करें।"

प्रधानमंत्री का गला घोंटने का लोकतंत्र में स्थान नहीं

नरेंद्र मोदी ने कहा, "जनवरी 2029, जब चुनाव का वक्त होगा। आप उसके बाद जाइए मैदान में, सदन का उपयोग करना है कर लीजिए। वो छह महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए, लेकिन तब तक सिर्फ और सिर्फ देश, देश के गरीब, देश के किसान, देश के युवा, देश की महिलाओं के सामर्थ्य के लिए काम करें।"

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उन्होंने कहा, "मुझे आज बहुत दुख के साथ कहना है कि 2014 के बाद कोई सांसद 5 साल के लिए आए, कुछ सांसदों को 10 साल के लिए मौका मिला। बहुत से सांसद ऐसे थे जिन्हें अपने क्षेत्र के बारे में बात करने का अवसर नहीं मिला। अपने विचारों से संसद को समृद्ध करने का अवसर नहीं मिला, क्योंकि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश के सांसद के समय को अपनी राजनीतिक विफलताओं को कवर करने के लिए दुरुपयोग किया।"

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पीएम ने कहा, "चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र हुआ। 140 करोड़ देशवासियों के बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का हुक्म दिया उसकी आवाज कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ है। ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने, उनकी आवाज रोकने, उनकी आवाज दबाने की कोशिश हुई। इसका लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता। इसका कोई पश्चाताप तक नहीं है। दिल में दर्द तक नहीं है।"

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