पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई NITI आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक, 8 राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं हुए शामिल

Published : May 27, 2023, 07:07 AM ISTUpdated : May 27, 2023, 02:53 PM IST
PM Modi in NITI Aayog Meetings

सार

'विकसित भारत@2047: रोल ऑफ टीम इंडिया' थीम पर शनिवार को नीति आयोग (Niti Aayog) की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने की। आठ राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग (Niti Aayog) की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक हुई। बैठक की थीम 'विकसित भारत@2047: रोल ऑफ टीम इंडिया' है। बैठक का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान के कन्वेंशन सेंटर में किया गया। इस दौरान 2047 तक भारत को विकसित बनाने पर चर्चा हुई। आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया।

बैठक में स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़े मुद्दों पर पीएम ने विचार-विमर्श किया। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे मौजूद रहे।

आठ मुख्यमंत्रियों ने नहीं लिया बैठक में हिस्सा

बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने हिस्सा नहीं लिया। जापान और सिंगापुर की यात्रा पर गए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी बैठक में उपस्थित नहीं हुए।

नीति आयोग की बैठक में इन आठ विषयों पर हुई चर्चा 

नीति आयोग ने कहा है कि बैठक में आठ प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई। ये विषय हैं- विकसित भारत@2047, MSMEs पर जोर, इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश, कम से कम अनुपालन (कोई उद्योग या काम शुरू करने के लिए जरूरी सरकारी अनुमति), महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास व एरिया डेवलपमेंट और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति।

अरविंद केजरीवाल ने किया बैठक का विरोध 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैठक का विरोध किया। प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि देश में "सहयोगी संघवाद" को "मजाक" में बदल दिया गया है। दरअसल, इन दिनों अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने के चलते नाराज हैं। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का अधिकार उपराज्यपाल के बदले दिल्ली सरकार को दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर पलट दिया है।

अध्यादेश में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में अंतिम फैसला लेने की शक्ति उपराज्यपाल को दी गई है। अरविंद केजरीवाल इसके खिलाफ अभियान चला रहे हैं। वह विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं और गुहार लगा रहे हैं कि अध्यादेश के संबंध में विधेयक लाए जाने पर वे इसका विरोध करें।

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