PM Modi Interview: टिकट चेकर का उदाहरण देकर मोदी ने बताई ED-CBI की ड्यूटी, बताया UPA का काला सच

पीएम मोदी ने हाल ही में Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने रेलवे में टिकट चेकर का उदाहरण देते हुए ईडी-सीबीआई की ड्यूटी पर बात की।

Ganesh Mishra | Published : Apr 21, 2024 6:30 AM IST / Updated: Apr 25 2024, 12:35 PM IST

लोकसभा चुनाव-2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे ज्यादा किसी चीज पर जोर दे रहे हैं तो वो है 'मोदी की गारंटी'। अपने 10 साल के कामकाज को लेकर वो जनता के बीच जा रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान राजेश कालरा, एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, एशियानेक्स्ट डिजिटल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अजीत हनमक्कानवार, एडिटर एशियानेट सुवर्णा न्यूज और सिंधु सूर्यकुमार, एग्जीक्यूटिव एडिटर, एशियानेट न्यूज ने देश के हर बड़े मुद्दे से जुड़े सवाल किए, जिनका पीएम ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा-अगर आपने ईडी-सीबीआई बनाया है तो उसे अपना काम करने देना चाहिए।

ईडी-सीबीआई के काम में अड़ंगे नहीं डालना चाहिए

ईडी-सीबीआई के मिसयूज के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा- मैं हैरान हूं। मान लीजिए कि रेलवे में टिकट चेकर की एक पोस्ट है। अब कोई ये कहे कि भई ये टिकट क्यों चेक करता है। क्या हम बेईमान हैं? टिकट चेकर का दायित्व है कि टिकट चेक करना चाहिए। वैसे, आपने ईडी बनाया क्यों, सीबीआई बनाया क्यों? उनका दायित्व है। सरकार को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनको रोकना नहीं चाहिए। उनमें अड़ंगे नहीं डालना चाहिए। उनको स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए। जैसे एक टिकट चेकर को करने देते हैं, उसको भी करने देना चाहिए।

ED-CBI काम न करे तो सवाल पूछो

दूसरी बात, आखिर ईडी ने काम क्या किया है? ईडी ने करप्शन के खिलाफ मामले, चाहे वो सरकारी बाबुओं के हों, ड्रग्स माफियाओं के हों, कई तरह के होते हैं, इसमें सिर्फ 3 परसेंट वो लोग हैं, जो राजनीति से जुड़े हुए हैं। 97% वो लोग हैं, जो बेईमानी में कहीं न कहीं धरे गए हैं। कई अफसर घर गए हैं, कई अफसर जेलों में पड़े हैं, इसकी कोई चर्चा ही नहीं करता है कि अगर देश में करप्शन के खिलाफ काम करने के लिए एक संस्था को जन्म दिया आपने, वो भी पुरानी सरकारों ने दिया है, हमने नहीं बनाई है। वो अगर काम न करे तो सवाल पूछना चाहिए। काम करे, इसलिए सवाल पूछा जाए, ये लॉजिक बैठता नहीं। सिर्फ 3 परसेंट लोग हैं, जिन तक अभी ईडी पहुंची है, 97 परसेंट दूसरा है। भ्रष्टाचार से रुपए-पैसे का न्याय होता है, ऐसा नहीं है।

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PM ने UPA कार्यकाल से तुलना करते हुए दिए आंकड़े

पीएम ने बताया कि ईडी ने 2014 से पहले (PMLA जिसके अंतर्गत ईडी ऑपरेट करती है) 1800 से कम केसेस किए थे, जबकि उनको काम करना था, क्योंकि उस समय तो सरकार पर बहुत आरोप लग रहे थे भ्रष्टाचार के। 2014 के बाद हमारी सरकार में पिछले 10 साल में ईडी ने 5000 से ज्यादा केस किए हैं। ये उसकी एफिशिएंसी है, उसकी एक्टिविटी दिखाता है। 2014 से पहले केवल 84 सर्चिंग कंडक्ट की गई थी। इतना बड़ा डिपार्टमेंट सोया पड़ा था। 2014 के बाद 7 हजार सर्चिंग हुई है। 2014 के पहले करीब 5000 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की गई थी। 2014 के बाद सवा लाख करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की गई है। ये देश की संपत्ति है।

करप्शन हटाना है तो जो जिस काम के लिए बना है, उसे करने दो

पीएम ने कहा- ईडी का ट्रैक रिकॉर्ड क्या बताता है। ईडी का ट्रैक रिकार्ड बताता है एफिशिएंसी, बड़े स्केल पर एक्टिविटी और स्वतंत्र रूप से। अगर हम देश से करप्शन हटाना चाहते हैं तो आपको जो संस्था जिस काम के लिए बनी है, उसको आपको काम करने देना चाहिए। पॉलिटिशियंस को ऐसी संस्थाओं में अपनी टांग नहीं अड़ानी चाहिए। इसलिए मैं भले ही प्रधानमंत्री हूं, लेकिन मेरा कोई हक नहीं बनता कि मैं ईडी के काम में रुकावट डालूं।

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