सुप्रीम कोर्ट की ओर से बाबा रामदेव को फिर झटका लगा है। पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट को अब सर्विस टैक्स देना होगा। पतंजलि ट्रस्ट की ओर दायर याचिका को कोर्ट खारिज कर दिया है और ट्रस्ट को जल्द ही सर्विस टैक्स भुगतान करने का आदेश भी जारी किया है।
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में पहले ही फंसे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है। अब कोर्ट ने रामदेव को एक और झटका दे दिया हैा पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को अब सुप्रीम कोर्ट ने सर्विस टैक्स चुकाने का आदेश दिया है। बाबा रामदेव का पतंजलि योगपीठ अब सर्विस टैक्स के दायरे में आ गया है।
योग शिविरों के सर्विस टैक्स का मामला
योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योग पीठ की ओर से देश भर में योग शिविर का आयोजन किया जाता है। सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में पतंजलि पीठ को योग शिविरों के लिए सर्विस टैक्स चुकाने का आदेश दिया था। रामदेव ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में ये कहा
सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई के दौरान आदेश देते हुए कहा कि योग शिविरों के लिए सर्विस टैक्स चुकाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट जस्टिस अभय एम ओक और न्यायाधीश उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश को बरकरार रखा है। योग शिविर में एंट्री फीस लेते हैं तो सर्विस टैक्स का भी भुगतान करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप करने क मतलब नहीं बनता है। सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव की अपील खारिज कर दी।
हेल्थ एंड फिटनेस सर्विस की कैटेगरी में है योग शिविर
योग शिविर को हेल्थ एंड फिटनेस सर्विस की कैटेगरी में रखा गया है। कोर्ट ने यह साफ शब्दों में कहा है कि आप जहां भी शिविर लगाते हैं वह लोगों से एंट्री फीस भी लेते हैं तो सर्विस टैक्स देना ही चाहिए।
2006 से 2011 के बीच लगे शिविरों का देना होगा टैक्स
कस्टम और गुड्स एंड सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट की ओऱ से बाबा रामदेव को 2006 से लेकर 2011 तक लगाए गए योग शिविरों के लिए कुल 4.5 करोड़ रुपये सर्विस टैक्स चुकाना होगा।