सार
PM मोदी ने हाल ही में Asianet News को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने कहा- इस बार मैं वोटर्स की आंखों में प्रेम के साथ ही एक आकर्षण भी देख रहा हूं। साथ ही वो जिम्मेदारी भी दिखती है कि मोदीजी ये चुनाव हम जिताएंगे, आप चिंता मत कीजिए।
लोकसभा चुनाव-2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने 10 साल के कामकाज को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने Asianet News को अब तक का सबसे इनडेप्थ इंटरव्यू दिया। इस दौरान राजेश कालरा, एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, एशियानेक्स्ट डिजिटल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अजीत हनमक्कानवार, एडिटर एशियानेट सुवर्णा न्यूज और सिंधु सूर्यकुमार, एग्जीक्यूटिव एडिटर, एशियानेट न्यूज ने देश के हर बड़े मुद्दे से जुड़े सवाल किए, जिनका पीएम ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। चुनाव को लेकर उन्होंने कहा- ये जो एकतरफा वातावरण दिख रहा है, वो चुनाव डिक्लेयर होने के बाद पैदा नहीं हुआ है। ये पिछले 10 साल में निरंतर बढ़ता गया है और लोगों का जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है।
मैं ज्योतिष नहीं, लेकिन माहौल को समझता हूं..
पीएम मोदी ने कहा- मैं सार्वजनिक जीवन में लंबे समय से काम कर रहा हूं और संगठन का कार्यकर्ता रहा हूं, इसलिए मैं माहौल को समझ पाता हूं। मैं कोई ज्योतिष नहीं हूं, लेकिन उस वाइब्रेशन को समझ पाता हूं। उसी आधार पर मैं कह सकता हूं कि मैं जहां-जहां गया हूं और मैं कोई चुनाव के समय दौरा करने वाला इंसान नहीं हूं। मैं हफ्ते में नॉर्मली हर शुक्रवार, शनिवार और रविवार को कहीं न कहीं जाता हूं। सरकार के कामकाज करता हूं, वो भी मैं जनता के बीच में करता हूं और उसके कारण मुझे बदलते हुए माहौल का अंदाज लग जाता है। पीएम मोदी ने आगे कहा- मैं देख रहा हूं कि ये जो एकतरफा वातावरण दिख रहा है, वो चुनाव डिक्लेयर होने के बाद पैदा नहीं हुआ है। ये पिछले 10 साल में निरंतर बढ़ता गया है और लोगों का अप्रत्याशित समर्थन मिल रहा है।
वोट डालने से पहले मतदाता क्या सोचेगा?
PM ने आगे कहा- एक सामान्य मतदाता अगर वोट करने जाएगा तो क्या सोचेगा? पहले तो वो यही सोचेगा कि मैं देश की कमान किसको दे रहा हूं। फिर वो कम्पेरिजन करेगा कि हां इनको देश सौंप सकते हैं, क्योंकि इनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। वो जो बात बताते हैं, जो काम करते हैं, उन सबके आधार पर वोटर का मन बनता है। इसके अलावा वोटर ये भी देखता है कि सामने वाले की सोच क्या है, एजेंडा क्या है। बाकियों के कारनामे कैसे रहे, अनुभव कैसा रहा ये भी देखते हैं।
अब वोटर्स के पास कम्पेरिजन के लिए भरपूर वक्त
इसके अलावा इस बार के चुनाव का ये सौभाग्य है कि 2014 में वोटर्स के पास कम्पेरिजन के लिए अवसर बहुत कम था। एक गुस्सा था, मोदी को लाओ। लेकिन अब उनके पास कम्पेरिजन का समय है। वो ऐसा करते थे, मोदी ऐसा करता है। वो ये गलती करते थे, मोदी ये गलती नहीं करता है। वो ये बुराई करते थे, मोदी नहीं करता है। ऐसे में कम्पेरिजन के बाद वो उस नतीजे पर पहुंच रहे हैं। इसलिए मैं वोटर्स की आंखों में प्रेम के साथ ही एक आकर्षण भी देखता हूं। साथ ही एक जिम्मेवारी भी देखता हूं कि ये चुनाव हम जिताएंगे। मोदीजी आप शांत रहिए, चिंता मत कीजिए। ये जनता का मैसेज है, जो उम्मीद से भी कई गुना ज्यादा है।
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