मोदी सरकार ने कैसे बदली देश की स्वास्थ्य व्यवस्था? जानें चौंकाने वाले आंकड़े

Published : Oct 01, 2024, 01:45 PM IST
PM Narendra Modi

सार

मोदी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाकर आम आदमी के इलाज का बोझ कम किया है। आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से इलाज पर सरकारी खर्च बढ़ा है और लोगों को राहत मिली है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में भी स्वास्थ्य पर फोकस बनाए रखा है। सरकार बनाने के बाद उन्होंने 70 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने का फैसला लागू किया।

मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान हेल्थ से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़े पैमाने पर खर्च किया है। यही वजह है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में 2021-22 में भारत सरकार का प्रति व्यक्ति खर्च बढ़कर 3169 रुपए तक पहुंच गया। अगर 2013-14 के आंकड़े पर नजर डालें तो यह 1,042 रुपए था। इस तरह देखें तो 10 साल में आम आदमी के इलाज पर सरकार का खर्च तीन गुना बढ़ा है।

प्रति व्यक्ति हिसाब से देखें तो केंद्र सरकार ने 2014-15 में 1108, 2015-16 में 1261, 2016-17 में 1418, 2017-18 में 1753, 2018-19 में 1815, 2019-20 में 2014 और 2020-21 में 2328 रुपए खर्च किए।

इलाज पर मोदी सरकार ने कम किया आम आदमी का बोझ

नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं से इलाज पर आम आदमी के खर्च का बोझ कम किया है। किसी गरीब के घर में कोई बीमार हो जाए तो उसकी सारी जमा पूंजी इलाज में खर्च हो जाती थी। आयुष्मान भारत योजना ने इस स्थिति को बदला। अब गरीब एक साल में पांच लाख रुपए तक का इलाज सरकारी खर्च पर करा पा रहा हैं।

आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ दिखता है कि इलाज पर आम आदमी का खर्च किस तरह कम हुआ है। 2013-14 से 2021-22 तक स्थिति में बड़ा बदलाव हुआ है। 2013-14 में स्वास्थ्य पर हुए कुल खर्च में सरकार का हिस्सा 28.6% और आम लोगों का हिस्सा 64.2% था। 2021-22 में इलाज पर आम लोगों का खर्च गिरकर 39.4% रह गया है। वहीं, सरकार का खर्च बढ़कर करीब 48 फीसदी हो गया है।

PREV

Recommended Stories

जिन्ना के 'मुन्ना' को भी वंदे मातरम से दिक्कत, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को घेरा
IndiGo Crisis: इंडिगो पर कड़ा एक्शन होगा, सरकार ने संसद में दी चेतावनी