शाह और नड्डा के साथ आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे PM, पैर छूकर लिया आशीर्वाद; केक भी खिलाया

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का रविवार को जन्मदिन है। वे 93 साल के हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उन्हें जन्मदिन की बधाई देने उनके आवास पहुंचे। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 8, 2020 5:47 AM IST / Updated: Nov 08 2020, 01:29 PM IST

नई दिल्ली. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का रविवार को जन्मदिन है। वे 93 साल के हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उन्हें जन्मदिन की बधाई देने उनके आवास पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने पैर छूकर आडवाणी का आशीर्वाद भी लिया। इसके बाद पीएम मोदी के साथ मिलकर आडवाणी ने केक भी काटा। इसके बाद एक दूसरे को केक भी खिलाया।

 

इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ''भाजपा को जन-जन तक पहुंचाने के साथ देश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले श्रद्धेय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई। वे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के साथ ही  देशवासियों के प्रत्यक्ष प्रेरणास्रोत हैं। मैं उनकी लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करता हूं।''

'देश के विकास में दिया अहम योगदान'
अमित शाह ने लिखा, आदरणीय आडवाणी जी ने अपने परिश्रम और निस्वार्थ सेवाभाव से न सिर्फ देश के विकास में अहम योगदान दिया बल्कि भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा के विस्तार में भी मुख्य भूमिका निभाई। उनके जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ और ईश्वर से उनके अच्छे स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना करता हूं।

राजनाथ सिंह ने भी दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, हम सभी के अभिभावक एवं देश के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी जी को उनके जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। भाजपा को बीज से वटवृक्ष बनाने में उनकी और अटलजी जो भूमिका रही है उसे सारा देश जानता है। ईश्वर उन्हें दीर्घायु एवं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें।

भाजपा को शून्य से शिखर तक पहुंचाने वाले नेता हैं आडवाणी
आडवाणी जनसंघ और भाजपा के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं। भाजपा को शून्य से शिखर तक पहुंचाने का श्रेय भी आडवाणी को ही जाता है। सामने से सरल स्वभाव के दिखने वाले आडवाणी अपने तीखे तेवरों के लिए जाने जाते हैं। आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। उनके पिता का नाम केकेडी आडवाणी और मां का नाम गियानी आडवाणी था। 1947 के बंटवारे के वक्त आडवाणी का परिवार भारत आ गया था।
 


एक नजर में लालकृष्ण आडवाणी का सफर।

राजनीतिक करियर
आडवाणी ने शुरूआती शिक्षा लाहौर में हासिल की। इसके बाद वे भारत आ गए। मुंबई में उन्होंने गर्वनमेंट लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की थी। 1944 के दौर में वे कराची में एक स्कूल में पढ़ाते थे। आडवाणी ने जनसंघ की स्थापना के वक्त से ही पार्टी में जुड़ गए थे। वे 1951 से 1957 तक पार्टी के सचिव रहे। 1973 से 1977 तक आडवाणी ने जनसंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।

- 1977 में आडवाणी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। वह मोरारजी देसाई सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री थे। अटल बिहारी सरकार में दो बार (1998-99, 1999-2004) गृह मंत्री भी रहे। 2002 में वे उपप्रधानमंत्री बनाए गए।

- 2009 में वे भाजपा के प्रधानमंत्री पद के चेहरा थे, लेकिन पार्टी को हार मिली। 1989 में अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में गुजरात के सोमनाथ से 'रथ यात्रा' निकाली। इससे वे हिंदुत्व के नए 'पोस्टर बॉय' बनकर उभरे। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई थी।

- 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद भाजपा ने आडवाणी को मुरली मनोहर जोशी और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया। आडवाणी भाजपा के तीन बार अध्यक्ष, चार बार राज्यसभा सदस्य और पांच बार लोकसभा सांसद रहे।

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