
Pahalgam terror attack: पहलगाम हमले के बाद नेशनल सिक्योरिटी को लेकर लगातार मीटिंग्स का दौर जारी है। मंगलवार को प्रधानमंत्री रेजिडेंस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ पीएम मोदी ने हाईलेवल मीटिंग की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा और विश्वास है। पीएम मोदी ने कहा कि सेना को फ्री हैंड कर दिया गया है। वह रिस्पांस के लिए टाइम, मोड और टारगेट स्वयं तय करेगी। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
पीएम की इस हाईलेवल मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान सहित कई अन्य अफसर मौजूद रहे। यह मीटिंग ऐसे समय में हुई जब सरकार की सबसे शक्तिशाली सुरक्षा इकाई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की दोबारा मीटिंग प्रस्तावित है।
बताया जा रहा है कि CCS की दूसरी बार मीटिंग करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की अध्यक्षता भी करेंगे। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत कई वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे। इसके बाद आर्थिक मामलों की समिति (Economic Affairs Committee) की मीटिंग भी प्रस्तावित है।
सरकार ने पहले ही कई अहम फैसले लिए हैं:
वीजा रद्द होने के बाद रविवार (27 अप्रैल) तक हजारों पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ चुके हैं। अकेले अटारी-वाघा बॉर्डर पर 1,000 से ज्यादा लोगों ने भारत से वापसी की। गृह मंत्रालय के अनुसार, यह प्रक्रिया सख्ती से लागू की जा रही है।
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े The Resistance Front (TRF) ने ली थी। हमले को अंजाम देने वाले पांच आतंकी अभी फरार हैं और उनकी तलाश के लिए बड़े स्तर पर अभियान जारी है।
भारतीय एजेंसियों ने हमले में पाकिस्तान की भूमिका के स्पष्ट सबूत जुटाए हैं, जिन्हें अमेरिका, रूस, जापान, चीन और यूरोपीय देशों के राजनयिकों को दिखाया गया है।