प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों से बातचीत की। यह बैठक उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम मानी गई। मोदी बैठक में यूपी चुनाव को लेकर सांसदों के साथ अगली रणनीति पर चर्चा की। साथ ही सांसदों को नसीहत भी दी। बैठक में लखीमपुर हिंसा को लेकर विवादों में चल रहे केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी नहीं दिखे।
नई दिल्ली. अगले साल उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव(UP Election 2022) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) काफी फोकस दिखा रहे हैं। वे शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों से मुखातिब हुए। यह बैठक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम मानी गई। मोदी ने चाय-नाश्ते के दौरान हुई इस बैठक में यूपी चुनाव को लेकर सांसदों के साथ अगली रणनीति पर चर्चा की। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच विभिन्न राज्यों के भाजपा सांसदों के साथ मोदी की यह चौथी बड़ी बैठक है। इससे पहले वे पूर्वोत्तर राज्यों, दक्षिणी राज्यों और मध्य प्रदेश के सांसदों से चर्चा कर चुके हैं।
संगठन से बड़ा कोई नहीं
बैठक में UP के करीब 36 सांसद PM से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। बैठक में लखीमपुर हिंसा को लेकर विवादों में चल रहे केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी नहीं दिखे। सांसदों के मुताबिक मोदी ने साफ शब्दों में कहा है कि कोई भी व्यक्ति पार्टी और संगठन से बड़ा नहीं है। यही बात ध्यान में रखकर पूरी ताकत से चुनाव में जुटना है। मोदी ने सांसदों से यूपी चुनाव से संबंधित फीडबैक भी लिया। इसके साथ ही लखीमपुर हिंसा को लेकर इस समय क्या स्थिति है, उसे भी समझा। मोदी और सांसदों की यह बैठक करीब आधे घंटे हुई।
दो महीने में 6 बार यूपी जा चुके हैं मोदी
अगले साल पांच राज्यों-उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं। इसमें उत्तर प्रदेश काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह देश की दिशा और दशा तय करता है। माना जा रहा है कि चुनाव की घोषणा जनवरी 2022 की शुरुआत में हो सकती है। भाजपा के लिए यूपी चुनाव करो या मरो की स्थिति जैसा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी पिछले 2 महीने में 6 बार यूपी का दौरा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स शुरू किए, तो कइयों की घोषणा की।
सपा भी लगा रही पूरा जोर
साल 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 312 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। समाजवादी पार्टी को सिर्फ 47 सीटें मिली थीं, जबकि बसपा को सिर्फ 19 सीटों से संतोष करना पड़ा था। इससे पहले साल 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा को 224 सीटें मिली थीं, जबकि मायावती की बीएसपी को 80 सीटें हासिल हुई थीं। बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस को 28 सीटें मिली थीं। इस बार सपा पूरा जोर लगा रही है।
AIMIM 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। AIMIM चीफ के मुताबिक110 विधानसभा क्षेत्रों में मुख्य अल्पसंख्यक समुदाय(मुस्लिम) की आबादी 30-39% है, जबकि 44 सीटों पर यह 40-49% और 11 सीटों पर 50-65% तक है। यानी ओवैसी का फोकस इन्हीं सीटों पर अधिक है।
यह भी पढ़ें
18-19 दिसम्बर को यूपी के इन जिलों में रहेंगे राहुल और प्रियंका, अमेठी में ‘प्रतिज्ञा पदयात्रा’ में होंगे शामिल
2017 के बाद एक साथ दिखाई दिए चाचा-भतीजे, जानिए ये गठबंधन कितनी सीटों पर डाल सकता है असर
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस MLA की टिप्पणी से बवाल, जब रोप रोका नहीं जा सके, तो लेट जाओ और आनंद दो