मोदी मैजिक से हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत

महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार के पीछे क्या कारण रहे? मैट्रिज सर्वे ने खंगाली वजहें, मोदी का करिश्मा या कांग्रेस की रणनीति में चूक?

Maharashtra and Haryana Polls winning factors: महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में सारे कयासों को दरकिनार करने वाले रिजल्ट ने सबको चौका दिया। बीजेपी दोनों राज्यों में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना ली है। महाराष्ट्र व हरियाणा में सारे समीकरणों को ध्वस्त कर बीजेपी की सत्ता में वापसी और कांग्रेस का करारी शिकस्त ने चुनावी विश्लेषकों को भी चौका दिया। मैट्रिज सर्वे ने दोनों राज्यों में बीजेपी की महत्वपूर्ण जीत और कांग्रेस की हार के पीछे की वजहों को खंगाला है। बीजेपी की जीत की वजहों में पीएम नरेंद्र मोदी का प्रभाव और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष में चुनौती देने में विफलता भी एक वजह है।

कब किया गया सर्वे?

सर्वे के अनुसार, दोनों चुनावों में वोटर्स का मनोभाव भी बदला है। कांग्रेस लगातार संविधान और बाबा साहेब के बयानों पर फोकस करते हुए बीजेपी पर हमला बोलती रही लेकिन विधानसभा चुनावों में लोकसभा चुनाव की तरह कोई असर नहीं दिखा और वह प्रभाव डालने में विफल रही। यह सर्वे 25 नवंबर 2024 से 14 दिसंबर 2024 के बीच किया गया था जिसमें महाराष्ट्र में 76,830 और हरियाणा में 53,647 सैंपल साइज शामिल थे।

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मैट्रिज सर्वे में यह बातें सामने आईं...

बरकरार है पीएम मोदी की लोकप्रियता

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली कम सीटों के बाद भी महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटर्स ने भगवा पार्टी के पक्ष में जमकर वोट किया। लोकसभा चुनाव 2024 में केवल 240 सीटें जीतने वाली बीजेपी की राज्यों में जीत की वजह पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता माना जा रहा है। सर्वे के अनुसार, एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में उनकी छवि बरकरार रही। सर्वे से पता चलता है कि दोनों राज्यों में वोटर्स ने पीएम मोदी पर अटूट भरोसा बनाए रखा जिसने विधानसभा चुनाव के नतीजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महाराष्ट्र में सर्वे किए गए लगभग 55 प्रतिशत मतदाताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में बढ़ोतरी पाया। इसी तरह हरियाणा के 53 प्रतिशत वोटर्स ने पीएम मोदी के करिश्मे में वृद्धि देखी।

संविधान पर कांग्रेस के बयान को झटका

मैट्रिज सर्वे के अनुसार, कांग्रेस के संविधान पर बयान भी झटका देने वाला साबित हुआ है। राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में भी दावा किया था कि मोदी सरकार संविधान बदलने का इरादा रखती है। संसदीय चुनावों में इन दावों ने फायदा पहुंचाया लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका लगा। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान यह कोई प्रभाव पैदा करने में विफल रहा। दोनों राज्यों में, संवैधानिक परिवर्तन, कृषि कानून और पहलवानों की 'समस्याओं' जैसे मुद्दों को आगे बढ़ाने के कांग्रेस के प्रयास काफी हद तक अप्रभावी रहे। विधानसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं ने इन मुद्दों को महत्वपूर्ण नहीं माना जिससे भाजपा के प्रति समर्थन में बदलाव आया।

कांग्रेस नेतृत्व के बारे में मतदाताओं की धारणा

सर्वेक्षण का एक और महत्वपूर्ण निष्कर्ष कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर बड़ा भरोसा न होना है जिन्हें महाराष्ट्र और हरियाणा में विपक्ष का चेहरा माना जाता था। पीएम मोदी के लिए एक विश्वसनीय विकल्प पेश करने में उनकी विफलता भी विपक्ष के खराब प्रदर्शन का कारण बनी। सर्वे में कहा गया कि वोटर्स ने कांग्रेस के नेतृत्व के बारे में संदेह व्यक्त किया, राहुल गांधी को जमीनी हकीकत से अलग माना जाता था, खासकर पीएम मोदी की मजबूत, निर्णायक छवि की तुलना में। इस कारक ने इन राज्यों में भाजपा की शानदार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

लोकसभा में एंटी-बीजेपी और विधानसभा में बीजेपी को वोट

सर्वे के अनुसार, महाराष्ट्र और हरियाणा के तमाम वोटर्स जिन्होंने लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा को वोट न देने की गलती की थी, विधानसभा चुनावों में बीजेपी को वोट किया। इस बदलाव के पीछे एक प्रमुख कारण पीएम मोदी के नेतृत्व और केंद्र सरकार के कार्यों में बढ़ता विश्वास था जिसे मतदाताओं ने अपने जीवन में सकारात्मक रूप से योगदान दिया। विपक्ष द्वारा सुसंगत और ठोस विकल्प पेश करने में असमर्थता के कारण राज्य चुनावों में भाजपा को स्पष्ट रूप से प्राथमिकता मिली।

भाजपा का रणनीतिक संदेश और नेतृत्व

मैट्रिज सर्वेक्षण ने विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के संदेश के शक्तिशाली प्रभाव को भी उजागर किया। “एक हैं तो सुरक्षित हैं” नारे को मतदाताओं ने विशेष रूप से महाराष्ट्र और हरियाणा में स्वीकृति दी। इस कथन ने पीएम मोदी के नेतृत्व में स्थिरता, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास पर जोर दिया जिससे भाजपा को सुरक्षित विकल्प के रूप में स्थापित किया गया। कांग्रेस की बयानबाजी और आंतरिक नेतृत्व संघर्ष ने वोटर्स को अलग-थलग करने का ही काम किया।

लोकल लीडरशिप और संगठन

हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से नए चेहरों के नेतृत्व में बदलाव ने भी भाजपा की सफलता में योगदान दिया। सर्वेक्षण में पाया गया कि नेतृत्व में बदलाव ने भाजपा को फिर से भरोसा हासिल करने में मदद की। 44 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि नेतृत्व परिवर्तन का पॉजिटिव प्रभाव पड़ा। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर मजबूत भाजपा नेताओं की मौजूदगी और एक आर्गेनाइज्ड कैंपेन ने पार्टी को एक ठोस आधार बनाने में मदद की जिससे उसकी जीत सुनिश्चित हुई।

सरकारी योजनाओं और स्थानीय समर्थन की भूमिका

स्थानीय मुद्दों और कल्याणकारी योजनाओं पर भाजपा के फोकस ने भी मतदाताओं का समर्थन हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दोनों राज्यों में भाजपा सरकार की इनिशिएटिव्स, विशेष रूप से कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में, का सकारात्मक प्रभाव पड़ा। इन योजनाओं ने वोटर्स को प्रभावित किया जिन्होंने महसूस किया कि उन्हें सरकारी नीतियों से लाभ हुआ है।

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