प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम को अहमदाबाद में प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन किया। पीएम प्रोटोकॉल तोड़कर बच्चों के बीच पहुंच गए। बच्चों ने पैर छूकर प्रधानमंत्री से आशीर्वाद लिया।
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम को अहमदाबाद में प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और सीएम भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे। पीएम इस दौरान प्रोटोकॉल तोड़कर बच्चों के बीच पहुंच गए। बच्चे कार्यक्रम स्थल पर सबसे आगे फर्श पर बैठे थे। नरेंद्र मोदी बच्चों के पास पहुंचे और उनसे हाथ मिलाया। बच्चों ने पैर छूकर प्रधानमंत्री से आशीर्वाद लिया। पीएम को अपने करीब पाकर बच्चे काफी उत्साहित हो गए थे।
उद्घाटन समारोह में नरेंद्र मोदी ने कहा, "इस कार्यक्रम में मैं भारत की जीवंतता और विविधता के हर पहलू को देख सकता हूं। मैं इस तरह के और इतने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम के बारे में सोचने के लिए संतों की सराहना करना चाहता हूं। एचएच प्रमुख स्वामी महाराज जी को श्रद्धांजलि देने के लिए दुनिया भर से लोग आ रहे हैं"
स्वामी महाराज ने की सिर्फ सेवा की बात
नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं बचपन से ही स्वामी महाराज जी के आदर्शों की ओर आकर्षित हुआ हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवन में कभी उनसे मिल पाऊंगा। 1981 में एक सत्संग के दौरान मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। उन्होंने केवल सेवा की बात की। स्वामी महाराज एक सुधारवादी थे। उन्होंने हर व्यक्ति में अच्छाई देखी और उन्हें इन खूबियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अपने संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति की मदद की। मोरबी में मच्छू बांध आपदा के दौरान उनके प्रयासों को मैं कभी नहीं भूल सकता।"
यह भी पढ़ें- 18 दिसंबर को त्रिपुरा जाएंगे PM मोदी, जनसभा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बजाएंगे रणभेरी
पीएम ने कहा, "2002 में चुनाव प्रचार के दौरान जब मैं राजकोट से प्रत्याशी था तो मुझे दो संतों से एक पेन मिला था। संतों ने कहा था कि प्रमुख स्वामी महाराज जी ने आपसे अनुरोध किया है कि आप इस पेन से अपने कागजात पर साइन करें। वहां से काशी तक यह प्रथा चली आ रही है। डॉ एमएम जोशी के नेतृत्व में एकता यात्रा के दौरान हमलोग जम्मू गए थे। वहां प्रतिकूल स्थिति का सामना करना पड़ा था। जब मैं जम्मू पहुंचा तो मुझे सबसे पहले प्रमुख स्वामी महाराज जी का फोन आया, उन्होंने मेरा हालचाल पूछा था।"
यह भी पढ़ें- आतंक के खिलाफ कार्रवाई: NIA कर रहा शानदार काम, 67 में से 65 केस में देश के दुश्मनों को मिली सजा