मोदी-बीजेपी तो क्या खुद बाबा साहेब आंबेडकर भी नहीं बदल सकते संविधान, झूठ फैला रहा विपक्ष: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के गया में रैली के दौरान संविधान में बदलाव को लेकर लगाए जा रहे आरोपों पर विपक्ष को जवाब दिया। पीएम ने कहा कि मोदी-बीजेपी तो क्या खुद बाबा साहेब आंबेडकर भी संविधान नहीं बदल सकते।

 

Vivek Kumar | Published : Apr 16, 2024 5:46 AM IST / Updated: Apr 16 2024, 11:48 AM IST

गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार के गया में रैली की। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को संविधान बदलने के आरोप पर जवाब दिया। पीएम ने कहा कि विपक्ष के लोग झूठ फैला रहे हैं। मोदी-बीजेपी तो क्या खुद बाबा साहेब आंबेडकर भी संविधान नहीं बदल सकते। दरअसल, लालू यादव ने कहा था कि भाजपा लोकसभा चुनाव जीतती है तो संविधान बदल देगी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "जो लोग संविधान को राजनीतिक हथियार के नाते उपयोग करना चाहते हैं वे कान खोलकर सुन लें। पिछले 3 दशक से आपने लोगों को डराए रखने के लिए भांती-भांती की कथाएं प्रचलित की हैं। कभी आप कहते थे आरएसएस बीजेपी आएगी तो देश जल जाएगा, बच नहीं पाएगा। पिछले तीस साल से हम अनेक राज्यों में सरकार चला रहे हैं। अटल जी के समय से हम देश की सत्ता में आते जाते रहे हैं, लेकिन देश को सबसे ज्यादा शांति का कालखंड हमारे शासन में मिला है।"

उन्होंने कहा, "पिछले 25-30 साल से अब वो एक पुरानी रिकॉर्ड घुमा रहे हैं। जब भी बीजेपी आगे बढ़ती है तो संविधान का राजनीतिक शस्त्र के लिए उपयोग करते हैं और झूठ फैलाते हैं कि संविधान बदल देंगे। भाइयों-बहनों लिख कर रखें, मोदी तो क्या, बीजेपी तो क्या, स्वयं बाबा साहेब आंबेडकर भी इस संविधान को नहीं बदल सकते हैं। इसलिए झूठ फैलाना बंद करो।"

संविधान सभा में 80-90% से ज्यादा सनातनी थे

नरेंद्र मोदी, "इनको (विपक्ष) पता होना चाहिए कि संविधान सभा का नेतृत्व डॉ. राजेंद्र बाबू करते थे। बाबा साहेब आंबेडकर का दिल, दिमाग और कलम उसको शब्दों में डाल रहा था। देश के गणमान्य लोग अनेक महीनों तक बैठकर विचार कर देश की भावनाओं को समझकर हमारे संविधान का निर्माण किया है। जो लोग सनातन को गाली देते हैं वो भी कान खोलकर सुन लो, ये जो संविधान इतना महान बना है, इस बनाने के लिए जो संविधान सभा थी उसमें 80-90% से ज्यादा सनातनी थे।"

उन्होंने कहा, “देश की आजादी के बाद संविधान को राजनीति का हथियार नहीं, संविधान को श्रद्धा के रूप में जनमन में स्थापित करना चाहिए था। हमारा देश रामायण, महाभारत, गीता में आस्था रखता है। वो आज के युग में संविधान के प्रति भी उतनी ही आस्था रखता है। आपने संविधान का राजनीतिकरण करने कोशिश की, हमने संविधान के प्रति आस्था पैदा करने की कोशिश की। जब संसद में मैं ये प्रस्ताव लेकर आया कि हमें देश में संविधान दिवस मनाना चाहिए तब कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि 26 जनवरी तो है संविधान दिवस की क्या जरूरत है? उन्हें ये समझ नहीं आया कि भारत के संविधान के प्रति निरंतर श्रद्धा पैदा करते रहना चाहिए। आपके लिए संविधान राजनीति का हथकंडा होगा हमारे लिए संविधान श्रद्धा का केंद्र है, आस्था का केंद्र है।”

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पीएम ने बताया 400 पार क्यों

नरेंद्र मोदी ने कहा, "ये लोग कहते हैं 400 पार क्यों? मैं बताता हूं। देश की जनता ने तय किया है 400 पार। देश की जनता 2047 में भारत को विकसित देखना चाहती है, लेकिन साथ-साथ एनडीए को 400 पार देकर देश को लूटने वालों को, भ्रष्टाचारियों को, संविधान के साथ खिलवाड़ करने वालों को सजा देने के लिए भी वो हमें 400 पार देना चाहते हैं। ये चुनाव एनडीए को जीताने के लिए है। ये चुनाव देश में तबाही करने की आदत रखने वालों को सजा देने का भी है। इसलिए हिसाब 400 के पार जाने वाला है।"

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