पीएम मोदी ने पन्नून की हत्या की साजिश पर अमेरिकी दावों का दिया जवाब, 'जानकारी मिले तो हम देखने को हैं तैयार'

Published : Dec 20, 2023, 11:37 AM ISTUpdated : Dec 20, 2023, 11:41 AM IST
Narendra Modi With Joe Biden

सार

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका के दावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सबूत दिए जाते हैं तो हम उन्हें देखने के लिए तैयार हैं।

नई दिल्ली। अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या की साजिश रचने में भारतीय एजेंट के शामिल होने के आरोप लगाए हैं। अमेरिका के इन आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम ने कहा कि अमेरिका से सबूत दिए जाते हैं तो वह उन्हें देखेंगे। कुछ घटनाएं अमेरिका-भारत संबंधों को पटरी से नहीं उतारेंगी।

अमेरिका ने दावा किया है कि एक भारतीय अधिकारी ने अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या का निर्देश दिया था। पन्नून की हत्या अमेरिकी धरती पर करने की साजिश रची गई थी। पन्नून अमेरिकी-कनाडाई नागरिक है। वह अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख है। भारत ने 2020 में पन्नुन को आतंकवादी घोषित किया था। भारत ने बार-बार पश्चिमी देशों पर सिख अलगाववाद के बारे में उसकी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है।

आतंकवादियों को शरण देने पर पीएम मोदी ने जताई चिंता

पन्नून को लेकर अमेरिका के दावों पर पीएम मोदी ने कहा, "अगर कोई हमें कोई जानकारी देता है तो हम निश्चित रूप से उस पर गौर करेंगे। अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है।"

प्रधानमंत्री ने आतंकवादियों को शरण देने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत विदेशों में स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों को लेकर बेहद चिंतित है। ये लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं।

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भारत-अमेरिका के संबंधों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “दोनों देशों के रिश्ते परिपक्व हैं। हमारे बीच स्थिर साझेदारी है। इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन है। सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग हमारी साझेदारी का एक प्रमुख घटक रहा है। मुझे नहीं लगता कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित है।”

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