राज्यसभा में PM की बड़ी बातें: मोदी की किन बातों पर विपक्ष को लगी मिर्ची, सदन से किया वाकऑउट
पार्लियामेंट सेशन के दौरान बुधवार को पीएम मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष को जमकर घेरा। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के उन सवालों पर भी चर्चा की जिसे लेकर वे एक दिन पहले हंगामा कर रहे थे।
Yatish Srivastava | Published : Jul 3, 2024 11:21 AM IST / Updated: Jul 03 2024, 05:13 PM IST
नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में आज अपने संबोधन में कई मुद्दों पर चर्चा कर विपक्ष को जमकर घेरा। इस दौरान पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत को जनादेश बताया और तीसरी बार लगातार कांग्रेस की हार का जिक्र करते हुए विपक्ष पर कटाक्ष किया। पीएम मोदी ने संविधान और किसनों के लिए गए कार्यों का जिक्र किया। इस दौरान पीएम मोदी ने नीट पेपर लीक मामले में कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया और कहा कि नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में मिली हार को लेकर इशारों-इशारों में राहुल गांधी पर निशाना साधने के साथ संदेशखाली की घटना को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला तो विपक्ष को ऐसी मिर्ची लगी कि सभी नेताओं ने सदन से ही वॉक आउट कर दिया। जानें पीएम मोदी ने किन मुद्दों पर विपक्ष को घेरा…
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 60 सालों में ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि कोई सरकार तीसरी बार सत्ता में वापस आई हो। लगातार तीसरी बार किसी पार्टी को जनादेश हासिल हुआ है। जनता ने जिस पर तीसरी बार भी भरोसा जताया है। मुझे एहसास होता है कि ये कोई सामान्य बात नहीं है। हांलाकि कुछ लोगों ने इस फैसले को नजरअंदाज करने की कोशिश की।
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार के चुनावों में मुझे देश के लोगों की बुद्धिमत्ता पर गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने छल और धोखे की राजनीति को खारिज कर दिया और विश्वास की राजनीति पर मुहर लगाई।
पीएम मोदी ने कहा कि अगले पांच साल बुनियादी सुविधाओं को पूर्ति को सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा। गरीबी को हराने को लेकर लड़ाई लड़ी जाएगी। यह देश अगले 5 साल गरीबी पर विजय प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। मैं अपने 10 वर्ष के अनुभव के आधार पर कह रहा हूं कि भारत जब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगी तो इसका असर जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ेगा।
विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट पर पीएम मोदी ने कहा कि देश देेख रहा है कि जो लोग झूठ फैलाते हैं उनमें सच सुनने की ताकत नहीं होती है। उन्हें चर्चाओं में उठे सवालों के जवाब सुनने की भी क्षमता नहीं है। वे सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं।
पीएम ने कहा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने का भी विरोध किया गया था। कहा गया था कि 26 जनवरी मनाते हैं तो 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने का कोई मतलब नहीं है। पीएम ने कहा कि हमारा संविधान और इसमें लिखे शब्द बहुत मूल्यवान हैं।
संदेशखाली की घटना को लेकर पीएम मोदी ने बंगाल की ममता सरकार को भी आड़े हाथ लिया। पीएम ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार की घटना अपने आप में राष्ट्रीय मुद्दा बन जाती है और यह बहुत संवेदनशील एवं तकलीफ देय होती है। महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने की इतनी बड़ी घटना हुई तब विपक्ष की ओर से कोई एक शब्द भी नहीं बोला ये बड़ी बात है।