प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने नीट पेपर लीक, मणिपुर हिंसा, बंगाल में महिला की सरेआम पिटाई, संविधान पर खतरा और किसानों को एमएसपी जैसे आठ बड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi Speech ) ने बुधवार को राज्यसभा में भाषण दिया। वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। उन्होंने NEET पेपर लीक (NEET paper leak) से लेकर मणिपुर हिंसा (Manipur violence) तक 8 बड़े मुद्दों पर बात की। पीएम ने कहा कि युवाओं को धोखा देने वालों को नहीं छोड़ेंगे।
नरेंद्र मोदी ने इस बड़े मुद्दों पर की बात...
संविधान: पीएम मोदी ने कहा, "संविधान हमारे लिए कोई आर्टिकल का कंपाइलेशन मात्र नहीं है। हमारे लिए उसका उसका स्पिरिट भी और उसका शब्द भी बहुत मूल्यवान हैं। हमारा मानना है कि किसी भी सरकार के नीति निर्धारण में कार्यकलाप में हमारा संविधान लाइट हाउस का काम करता है।" दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया था कि भाजपा की सरकार फिर से बनेगी तो संविधान बदल देगी। संविधान पर खतरा (Threat on constitution) है।
MSP पर फसलों की खरीद- नरेंद्र मोदी ने कहा, "चाहे एमएसपी पर खरीद (Purchase of crops at MSP) की बात हो हमने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बीज से बाजार तक हमने किसानों के लिए हर व्यवस्था को मजबूती देने का प्रयास किया है।" बता दें कि राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि किसानों को MSP (Minimum Support Price) नहीं मिल रही है।
बंगाल में महिला की सरेआम पिटाई: पीएम ने कहा, "बंगाल में एक महिला को सड़क पर सरेआम पीटा गया। वो बहन चीख रही थी, लेकिन वहां खड़े लोग वीडियो बनाने में लगे थे। जो घटना संदेशखाली में हुई। कल से सुन रहा हूं बड़े-बड़े दिग्गज इसके लिए पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलकती। जो अपने आप को बहुत बड़ी प्रगतिशील महिला नेता मानती हैं वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गईं हैं।"
संविधान की रक्षा: नरेंद्र मोदी ने कहा, "देश के लोगों ने संविधान की रक्षा के लिए हमें योग्य पाया है। कहा है कि संविधान की रक्षा यही लोग कर सकते हैं। इमरजेंसी के दौरान संविधान पर बुलडोजर चलाया गया। धज्जियां उड़ा दी गईं। लोकसभा का कार्यकाल 5 साल होता है। जब आपने 7 साल चलाया था तो वो कौन सा संविधान था, जिसको लेकर सात साल सत्ता की मौज ली और लोगों पर जुल्म करते रहे।"
जांच एजेंसियों का दुरुपयोग: पीएम ने कहा, "यहां चर्चा के दौरान जांच एजेंसियों पर आरोप लगाए गए हैं। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है ऐसा कहा गया है। भ्रष्टाचार करें आप, शराब घोटाला करें आप, बच्चों के क्लास बनाने में घोटाला करें आप, पानी तक में घोटाला करें आप, आप की शिकायत करे कांग्रेस, आप को कोर्ट में घसीटकर ले जाए कांग्रेस, अगर कार्रवाई हो तो गाली दें मोदी को। अब आपस में साथी बन गए हैं ये दोनों। अगर हिम्मत है तो आप सदन में खड़े होकर कांग्रेस से जवाब मांगे। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप के घोटाले के इतने सारे सबूत देश के सामने रखे। क्या वो सबूत सच्चे थे या झूठे थे। ये लोग दिल्ली में एक मंच पर बैठकर जांच एजेंसियों पर आरोप लगाते हैं। भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए रैलियां करते हैं। केरल में उनके शहजादे मुख्यमंत्री जो उनके गठबंधन के साथी हैं, उनको जेल भेजने की अपील करते हैं। भारत सरकार को कहते हैं कि इस मुख्यमंत्री को जेल भेज दो। दिल्ली में ईडी, सीबीआई की कार्रवाई पर हायतौबा करते हैं। वही लोग उसी एजेंसी से केरल के मुख्यमंत्री को जेल भेजने की बात करते हैं।"
NEET पेपर लीक: नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं देश के नौजवानों को आश्वस्त करता हूं कि आपको धोखा देने वालों को ये सरकार छोड़ने वाली नहीं है। मेरे देश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिले इसके लिए एक के बाद एक एक्शन लिए जा रहे हैं। हमने ऐसी गड़बड़ियों के खिलाफ सख्त कानून बनाया है। हम पूरे सिस्टम को मजबूती दे रहे हैं कि भविष्य में मेरे देश के नौजवानों को आशंका भरी स्थिति में नहीं रहना पड़े।" बता दें कि हाल ही में नीट पेपर लीक (NEET paper leak) मामला सुर्खियों में रहा है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद: "पीएम ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से हमारी लड़ाई एक प्रकार से अंतिम दौर में है। आतंक के बचे हुए नेटवर्क को भी हम सख्ती से खत्म करने के लिए पूरी एकजुटता से आगे बढ़ रहे हैं। बीते दस वर्षों में पहले की तुलना में आतंकवाद की घटनाओं में बहुत गिरावट आई है। अब पत्थरबाजी की खबरें भी शायद ही कभी आ जाए तो आ जाए। अब जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाव खत्म हो रहा है। इस लड़ाई में जम्मू-कश्मीर के नागरिक हमारी मदद कर रहे हैं।
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मणिपुर हिंसा: मणिपुर में हो रही हिंसा (Manipur violence) को लेकर पीएम ने कहा, “मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। वहां जो कुछ भी घटनाएं घटीं, 11 हजार से ज्यादा FIR की गईं। 500 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं। इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रहीं हैं। इसका मतलब शांति की आशा रखना संभव हो रहा है। आज मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल, कॉलेज और ऑफिस खुले हैं। केंद्र और राज्य सरकार सभी से बातचीत कर शांति के लिए रास्ता खोजने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।”
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