PM मोदी को मिल सकता है नोबेल शांति पुरस्कार, समिति के उपनेता ने बताया सबसे बड़ा दावेदार

नोबेल पुरस्कार समिति के उपनेता असले तोजे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के सबसे बड़े दावेदार हैं। वह विश्व में शांति का सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं।

Vivek Kumar | Published : Mar 16, 2023 3:11 AM IST / Updated: Mar 16 2023, 09:35 AM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) से सम्मानित किया जा सकता है। नोबेल पुरस्कार समिति के उपनेता असले तोजे ने उन्हें पुरस्कार का सबसे बड़ा दावेदार बताया है।

असले तोजे ने कहा कि नरेंद्र मोदी आज विश्व में शांति का सबसे विश्वसनीय चेहरा हैं। उन्होंने खुद को मोदी का बहुत बड़ा फैन बताया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सबसे भरोसेमंद नेता हैं। वह युद्ध (रूस-यूक्रेन जंग) बंद करा शांति स्थापित कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी की नीतियों के चलते भारत अमीर और ताकतवर देश बना है। अगर सबसे योग्य नेता पीएम मोदी नोबेल शांति पुरस्कार जीतते हैं तो यह ऐतिहासिक होगा।

पुरस्कार विजेता का चुनाव करने वाली समिति के उप नेता हैं असले तोजे
बता दें कि असले तोजे नॉर्वे की नोबेल समिति के उप नेता हैं। यह समिति नोबेल शांति पुरस्कार विजेता का चुनाव करती है। असले एक विद्वान और लेखक हैं। वह जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, इंग्लैंड और अमेरिका में काम कर चुके हैं। उन्होंने ओस्लो और ट्रोम्सो यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई की है और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है।

शांति स्थापित करने वाले को दिया जाता है पुरस्कार
गौरतलब है कि नोबेल शांति पुरस्कार हर साल किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने दुनिया में शांति कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। सेना की तैनाती कम करने और शांति स्थापित करने वाले नेताओं को यह सम्मान दिया जाता है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को 2009 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। 2014 में भारत के कैलाश सत्यार्थी को यह सम्मान मिला था।

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नरेंद्र मोदी ने की है बातचीत से रूस-यूक्रेन संकट के हल की बात
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई ने दुनिया के देशों को मुख्यरूप से दो गुटों में बांट दिया है। एक तरफ अमेरिका और उसके सहयोगी देश हैं जो रूस के हमले के खिलाफ हैं और यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। दूसरी ओर रूस के करीबी देश हैं। भारत किसी गुट में नहीं है। भारत के रिश्ते यूक्रेन और रूस दोनों से अच्छे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कूटनीति और बातचीत से ही यूक्रेन संकट का समाधान हो सकता है।

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