Mann Ki Baat: नरेंद्र मोदी बोले- कच्छ के लोगों ने हिम्मत के साथ किया तूफान का सामना, इतिहास का काला दौर था इमरजेंसी

पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपना रेडियो प्रोग्राम मन की बात (Mann Ki Baat) किया। यह मन की बात का 102वां एपिसोड था। पीएम ने कहा कि कच्छ के लोगों ने पूरी हिम्मत से तूफान का सामना किया।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात (Mann Ki Baat) के जरिए देश के लोगों से अपने विचार शेयर किए। यूं तो मन की बात कार्यक्रम महीने के आखिरी रविवार को होता है, लेकिन प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के चलते यह 18 जून को हुआ। यह मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात का 102वां एपिसोड था। मन की बात में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कच्छ के लोगों ने पूरी हिम्मत से चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का सामना किया।  

नरेंद्र मोदी ने कहा, "अभी हमने दो-तीन दिन पहले देखा कि देश के पश्चिमी छोर पर कितना बड़ा चक्रवात आया। चक्रवात बिपरजॉय ने कच्छ में कितना कुछ तहस-नहस कर दिया। कच्छ के लोगों ने जिस हिम्मत और तैयारी के साथ इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया वो भी उतना ही अभूतपूर्व है। दो दशक पहले के विनाशकारी भूकंप के बाद जिस कच्छ के बारे में कहा जाता था कि वो कभी उठ नहीं पाएगा, आज वही जिला देश के तेजी से विकसित होते जिलों में से एक है। मुझे विश्वास है चक्रवात बिपरजॉय ने जो तबाही मचाई है उससे भी कच्छ के लोग बहुत तेजी से उभर जाएंगे।"

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प्रकृति के संरक्षण से हो सकता है प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला
पीएम ने कहा, "बीते वर्षों में भारत ने आपदा प्रबंधन की जो ताकत विकसित की है वो आज उदाहरण बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है प्रकृति का संरक्षण। मानसून के समय इस दिशा में हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसलिए आज देश कैच द रेन जैसे अभियानों के जरिए सामूहिक प्रयास कर रहा है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "इस महीने की शुरुआत में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हुए हैं। इस अवसर को एक बड़े पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता के साथ ही उनकी शासन और प्रबंध कौशल से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उनके द्वारा बनाए गए जलदुर्ग इतनी शताब्दियों बाद भी समंदर के बीच आज भी शान से खड़े हैं।"

2025 तक टी.बी. मुक्त होगा भारत
पीएम मोदी ने कहा, "भारत ने 2025 तक टी.बी. मुक्त होने का संकल्प किया है। एक समय था जब टी.बी. का पता चलने पर परिवार के लोग दूर हो जाते थे। आज टी.बी. के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है। क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए निक्षय मित्रों ने मोर्चा संभाल लिया है। देश में बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं निक्षय मित्र बनी हैं।"

सोशल मीडिया में दिख रहा योग दिवस के लिए उत्साह

पीएम ने कहा, "इस बार मुझे न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होने वाले योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मैं देख रहा हूं कि सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लेकर गजब का उत्साह है। मेरा, आप सभी से आग्रह है कि आप योग को अपने जीवन में जरूर अपनाएं, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।"

भारत के इतिहास का काला दौर था इमरजेंसी
नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम 25 जून को कभी नहीं भुला सकते। इस दिन देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने इमरजेंसी का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है। इन अत्याचारों पर पुलिस और प्रशासन द्वारा दी गई सजाओं पर बहुत सी पुस्तकें लिखी गई हैं। मुझे भी 'संघर्ष में गुजरात' नाम से एक किताब लिखने का उस समय मौका मिला था। कुछ दिनों पहले ही इमरजेंसी पर लिखी एक और किताब मेरे सामने आई।"

कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी, दूरदर्शन और नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप के पूरे नेटवर्क पर किया गया। कार्यक्रम का आकाशवाणी, डीडी न्यूज और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के यूट्यूब चैनलों पर भी सीधा प्रसारण किया गया। हिंदी प्रसारण के तुरंत बाद आकाशवाणी क्षेत्रीय भाषाओं में कार्यक्रम का प्रसारण किया।

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