PM Security breach : किरन बेदी ने कहा- पंजाब पुलिस ने दूसरों के लिए खराब उदाहरण पेश किया, 'सुप्रीम' जांच जरूरी

Published : Jan 12, 2022, 02:59 PM IST
PM Security breach : किरन बेदी ने कहा- पंजाब पुलिस ने दूसरों के लिए खराब उदाहरण पेश किया, 'सुप्रीम' जांच जरूरी

सार

Pm modi security breach : किरन बेदी ने कहा कि पहले लग रहा था कि सुरक्षा में चूक हुई है, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि पंजाब सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता करने को तैयार थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच कमेटी बनाए जाने का स्वागत किया है और बताया है कि यह क्यों जरूरी थी।  

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा (Indu malhotra) को जांच का जिम्मा सौंपा है। उनकी टीम में आईबी के चीफ और अन्य अफसरों को भी शामिल किया गया है। इस बीच, पूर्व आईपीएस अफसर और पुडुचेरी की राज्यपाल किरन बेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मुद्दा पंजाब पुलिस का सबसे विनाशकारी प्रदर्शन है। उसने देश के बाकी हिस्सों के लिए बहुत ही खराब उदाहरण पेश किया है।  

 अधिकारियों को कीमत चुकानी होगी 
बेदी ने कहा कि पहले लग रहा था कि सुरक्षा में चूक हुई है, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि पंजाब सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता करने को तैयार थी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अवैध और अनियमति आदेशों की स्वीकृति की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ ही गृह सचिव को इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार बताया है। 

पहले भी उठाए थे सवाल 
किरन बेदी ने दो दिन पहले भी सुरक्षा में चूक को लेकर पंजाब पुलिस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि पीएम को ओवरब्रिज पर फंसाकर क्या किसी हमले की योजना थी। उनका कहा है कि मोदी का पुल पर रुकना इसलिए खतरनाक था, क्योंकि पुल के नीचे टाइम बम लगाकर इसे उड़ाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि घटना के दिन राज्य के गृह मंत्री और गृह सचिव भी मौजूद नहीं थे। जिलाधिकारी भी नदारद थे। यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री पर घात लगाने का मामला है। इसके लिए डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को जवाब देना पड़ेगा। 

क्या है मामला  
5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बठिंडा से हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित शहीद स्मारक पहुंचना था। मौसम खराब होने की वजह से उन्होंने सड़क मार्ग से जाने का निर्णय लिया। लेकिन हुसैनीवाला से 30 किमी पहले एक ओवरब्रिज पर प्रधानमंत्री का काफिला प्रदर्शनकारियों की वजह से रोकना पड़ा। यहां पीएम का काफिला 15 से 20 मिनट रुका रहा था। बाद में पीएम को वापस लौटना पड़ा। 

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