उन्होंने कहा, ‘पश्चिमी मोर्चे पर विभिन्न लॉन्च पैड में आतंकवादियों (Terrorists) की संख्या में वृद्धि हुई है और नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ के बार-बार प्रयास किए गए हैं
नई दिल्ली. भारतीय सेना (Indian Army) के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Army Chief MM Naravane) ने बुधवार को अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हर साल 15 जनवरी को होने वाले थल सेना दिवस से पहले आर्मी चीफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। इस मौके पर आर्मी चीफ ने कहा- ‘बीते साल जनवरी से, हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सकारात्मक विकास हुआ है। उत्तरी सीमाओं पर, हमने संचालनात्मक तैयारियों के उच्चतम स्तर को बनाए रखना जारी रखा, साथ ही बातचीत के माध्यम से पीएलए (चीनी सेना) के साथ जुड़ना भी जारी है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि पिछले महीने नागालैंड में भयानक रूप से गलत हुए एक ऑपरेशन के दौरान 14 नागरिकों की हत्या में शामिल सैनिकों के खिलाफ "उचित कार्रवाई" की जाएगी। जनरल नरवने ने अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "जांच के नतीजे के आधार पर उचित और सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।"
पश्चिमी माेर्चे पर बढ़े लॉन्च पैड, हमारी तरफ बुनियादी सुविधाओं का विकास
सेना प्रमुख ने कहा- ‘पश्चिमी मोर्चे पर विभिन्न लॉन्च पैड में आतंकवादियों (Terrorists) की संख्या में वृद्धि हुई है और नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ के बार-बार प्रयास किए गए हैं। इससे एक बार फिर हमारे पश्चिमी पड़ोसी के नापाक मंसूबे उजागर होते हैं। उत्तरी सीमाओं पर, हमने संचालनात्मक तैयारियों के उच्चतम स्तर को बनाए रखना जारी रखा, साथ ही बातचीत के माध्यम से पीएलए (China Army) के साथ जुड़ना भी जारी है। कई इलाकों में आपसी सहमति से डिसइंगेजमेंट (सैनिकों को पूरी तरह से हटाने की प्रक्रिया) हुआ है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा - बुनियादी ढांचे का विकास समग्र रूप से किया जा रहा है. सड़कों, सुरंगों और पुलों का निर्माण हो रहा है। हम भविष्य की चुनौती के लिए बहुत बेहतर तरीके से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चीन कर तरफ हमारे सौनिकों का स्तर बढ़ाया गया है। कोर कमांडर स्तर की 14वीं वार्ता चल रही है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम इसमें प्रगति देखेंगे। हालांकि आंशिक रूप से डिसइंगेजमेंट हुआ है लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है।
LOC से घुसपैठ की कोशिशें हुईं
सेना प्रमुख ने कहा- पश्चिमी मोर्चे पर आतंकवादियों की संख्या में वृद्धि हुई है और बार-बार नियंत्रण रेखा (Line of Control) के पार घुसपैठ के प्रयास किए गए हैं। यह एक बार फिर हमारे पश्चिमी पड़ोसी के नापाक मंसूबों को उजागर करता है. हालांकि संघर्ष विराम समझौते के बाद प्रगति हुई है। पूर्वोत्तर को लेकर उन्होंने कहा- पूर्वोत्तर में स्थिति नियंत्रण में है। सेना की कई बटालियनें हटाई गई हैं। भारत-म्यांमार सीमा (Indo-Myanmar border) पर असम राइफल्स बटालियन को बढ़ाने की योजना है। संयुक्त राष्ट्र के 8 अभियानों में 5,300 सैनिक तैनात हैं। चीन की कोशिशों पर सेना की प्रतिक्रिया काफी अच्छी रही है। उन्होंने कहा कि हमें योजनाओं की समीक्षा करने और अपनी तैयारियों को देखने का अवसर मिल रहा है।
चीन के कानून का असर नहीं
चीन के नए सीमा कानून पर आर्मी चीफ ने कहा- विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इसका कोई असर नहीं होगा और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। लद्दाख से सैनिकों की वापसी तभी हो सकती है जब सैनिकों के डिसइंगेजमेंट और तनाव कम करने पर विश्वास बढ़ेगा।
अरुणाचल में निर्माण पर कन्फ्यूजन क्यों
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश (China Arunachal Pradesh) में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर सेना प्रमुख ने कहा - ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि एलएसी पूरी तरह निर्धारित नहीं है। सीमा वास्तव में कहां से शुरू होती है, इसके लिए अलग-अलग धारणाएं हैं। जब तक सीमा के मुद्दे अनसुलझे रहेंगे, इस तरह के मामले सामने आते रहेंगे।
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