जलजीवन मिशन App की लॉन्चिंग पर बोले माेदी-'भारत का विकास गांवों पर निर्भर, महिला सशक्तिकरण हमारी प्राथमिकता'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( PM Narendra Modi) ने आज जल जीवन मिशन ऐप(Jal Jeevan Mission App) तथा राष्ट्रीय जल जीवन कोष( National Jal Jeevan Kosh) का शुभारंभ किया। कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हुआ।

Asianet News Hindi | Published : Oct 2, 2021 3:58 AM IST / Updated: Oct 02 2021, 12:39 PM IST

नई दिल्ली. हर गांव में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( PM Narendra Modi) ने आज जल जीवन मिशन ऐप(Jal Jeevan Mission App) तथा राष्ट्रीय जल जीवन कोष( National Jal Jeevan Kosh) का शुभारंभ किया। कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये हुआ। इस मौके पर PM जल जीवन मिशन के बारे में ग्राम पंचायतों तथा पानी समितियों/ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (VWSC) से बात कर रहे हैं।

गांधी और शास्त्री को किया याद
मोदी ने अपनी बात की शुरुआत में कहा-पूज्य बापू और लालबहादुर शास्त्री दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे। मुझे खुशी है कि आज के दिन देशभर के लाखो गांवों के लोग ग्राम सभाओं के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं। ऐसे अभूतपूर्व और राष्ट्रव्यापी मिशन को इसी उत्साह, उर्जा से सफल बनाया जा सकता है।

कैसे महिलाएं मीलों दूर से पानी लाती हैं
मोदी ने कहा-हमने बहुत सी ऐसी फिल्में देखी हैं, कहानियां पढ़ी हैं, कविताएं पढ़ी हैं जिनमें विस्तार से ये बताया जाता है कि कैसे गांव की महिलाएं और बच्चे पानी लाने के लिए मीलों दूर चलकर जा रहे हैं। कुछ लोगों के मन में, गांव का नाम लेते ही यही तस्वीर उभरती है। लेकिन बहुत कम ही लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को हर रोज किसी नदी या तालाब तक क्यों जाना पड़ता है, आखिर क्यों नहीं पानी इन लोगों तक पहुंचता? मैं समझता हूं, जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति-निर्धारण की जिम्मेदारी थी, उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था।

गुजरात का अनुभव बताया
मोदी ने बताया-2014 में जब देश ने मुझे नया दायित्व दिया तो मुझे गुजरात के ग्राम स्वराज के अनुभवों का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने का अवसर मिला। ग्राम स्वराज का असली लाभ तभी मिलेगा, जब गांव के लोगों की, गांव के विकास कार्यों से जुड़ी प्लानिंग और मैनेजमेंट में सक्रिय भागीदारी हो।

गांधी के ग्राम स्वराज की बात
मोदी ने कहा-गांधी जी कहते थे कि ग्राम स्वराज का वास्तविक अर्थ आत्मबल से परिपूर्ण होना है। इसलिए मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि ग्राम स्वराज की ये सोच, सिद्धियों की तरफ आगे बढ़े। बापू के सपने को साकार करने के लिए देशवासियों ने निरंतर परिश्रम किया है। आज देश के शहर और गांव खुद को खुले में शौच से मुक्त कर चुके हैं। करीब 2 लाख गांवों ने अपने यहां कचरा प्रबंधन का काम शुरु कर दिया है। 

जलजीवन मिशन पर मोदी ने कहा
जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है। ये Decentralisation(विकेंद्रीकरण) का भी बहुत बड़ा Movement है। ये Village Driven- Women Driven Movement है। इसका मुख्य आधार, जनआंदोलन और जनभागीदारी है।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन
मोदी ने बताया-राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 2014 से पहले के पांच वर्षों में जितनी मदद सरकार ने बहनों के लिए भेजी, बीते सात वर्षों में उसमें लगभग 13 गुना बढ़ोतरी की गई है। लगभग पौने चार लाख करोड़ रुपये का ऋण भी स्वयं सहायता समूह की माताओं-बहनों को उपलब्ध कराया गया है।

भारत का विकास गांवों पर निर्भर
प्रधानमंत्री ने कहा-भारत का विकास गांवों के विकास पर ही निर्भर है। गांव में रहने वाले लोगों,युवाओं, किसानों के साथ सरकार ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है, जो गांवों को और अधिक सशक्त बनाए। गांव के लोगों को गांव में ही बेहतर उपचार मिले, इसके लिए 1.5 से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं।

महिला सशक्तिकरण प्राथमिकता
मोदी ने कहा-गांव की महिलाओं का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बीते वर्षों में बेटियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। घर और स्कूल में शौचालय, सस्ते सेनेटरी पैड से लेकर गर्भावस्था के दौरान पोषण के लिए हजारों रुपयों की मदद और टीकाकरण मातृ-शक्ति और मजबूत हुई है।

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यह है पूरा कार्यक्रम
प्रधानमंत्री हितधारकों के बीच जागरूकता बढ़ाने तथा मिशन के तहत योजनाओं में अधिकाधिक पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व कायम करने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन ऐप का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जल जीवन कोष की भी शुरुआत की, जहां कोई व्यक्ति, संस्था, कंपनी अथवा समाजसेवी, चाहे भारत अथवा विदेश में हों, वे प्रत्येक ग्रामीण परिवार, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, आश्रमशाला तथा अन्य सार्वजनिक संस्थाओं में नल-जल कनेक्शन प्रदान करने में मदद करने हेतु योगदान कर सकते हैं। 

पानी समितियों/वीडब्ल्यूएससी के बारे में
पानी समितियां ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रबन्धन, संचालन तथा रखरखाव में प्रमुख भूमिका निभाती हैं, जिससे प्रत्येक परिवार को नियमित एवं दीर्घकालिक तौर पर स्वच्छ नल-जल उपलब्ध कराया जाता है। कुल 6 लाख से अधिक गांवों में से लगभग 3.5 लाख गांवों में पानी समितियां/वीडब्ल्यूएससी गठित की गई हैं। फील्ड टेस्ट किट्स के इस्तेमाल से जल की गुणवत्ता की जांच करने के लिए 7.1 लाख से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।

जल जीवन मिशन के बारे में
प्रधानमंत्री ने प्रत्येक परिवार को स्वच्छ नल-जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के पास नल-जल आपूर्ति की सुविधा थी।

कोविड के बावजूद काम नहीं रुका
कोविड-19 महामारी के बावजूद पिछले दो वर्षों में 5 करोड़ से अधिक परिवारों को नल-जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। अब तक लगभग 8.26 करोड़ (43 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के लिए उनके घरों में नल-जल की आपूर्ति की जा रही है। देश के 78 जिलों, 58 हजार ग्राम पंचायतों और 1.16 लाख गांवों में प्रत्येक परिवार को नल-जल आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब तक 7.72 लाख (76 प्रतिशत) स्कूलों तथा 7.48 लाख (67.5 प्रतिशत) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल-जल आपूर्ति की सुविधा प्रदान की गई है।

सबका साथ, सबका विकास
प्रधानमंत्री के ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास, सबका-प्रयास’ के दृष्टिकोण को साकार करने तथा ‘बॉटम अप’ अप्रोच का अनुसरण करते हुए, राज्यों की साझेदारी से 3.60 लाख करोड़ रुपए के बजट से जल जीवन मिशन को कार्यान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा, 2021-22 से लेकर 2025-26 की अवधि के लिए गांवों में स्वच्छ जल एवं स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत विशेष अनुदान के रूप में पंचायती राज संस्थाओं के लिए 1.42 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

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