सार

श्री चंद्रशेखर ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को महामारी के दौरान देश के दूर-दराज के हिस्सों तक पहुंचाने में मदद करने का श्रेय सरकार को दिया। 

नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने गुरुवार को अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच के चौथे वार्षिक नेतृत्व शिखर सम्मेलन (4th Annual Leadership Summit of USISPF) को संबोधित किया। वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान श्री चंद्रशेखर ने भारत में समग्र डिजिटल ईकोसिस्टम पर कोविड-19 के प्रभाव से अवगत कराया।  

शिखर सम्मेलन (4th Annual Leadership Summit of USISPF) में यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष जॉन चेम्बर्स और यूएसआईएसपीएफ के सीईओ तथा अध्यक्ष डॉ. मुकेश अघी के नेतृत्व में आयोजित शिखर सम्मेलन में कोविड -19 महामारी के युग में स्वास्थ्य सेवा प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने और व्यापार, वाणिज्य, कूटनीति, प्रौद्योगिकी के माध्यम से अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया।

महामारी के शुरूआती झटकों के बाद भारत कर रहा प्रगति

श्री चंद्रशेखर ने सम्मेलन में अपनी आरंभिक टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में से एक तकनीकी क्षेत्र है। महामारी की पहली दो तिमाहियों के दौरान अल्पकालिक झटके के अलावा, तकनीकी क्षेत्र ने वास्तव में प्रगति की है, और बहुत से लोगों के लिए, यह महत्वाकांक्षाओं का एक साधन हो गया है तथा बहुत से लोग अब इसे एक समृद्ध दुनिया के रूप में देखते हैं। 
उन्होंने डिजिटल इंडिया पर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी को इस तरह से लागू किया जाना चाहिए कि यह लोगों के जीवन को बदल दे और बेहतर करे। दूसरी बात यह कि प्रौद्योगिकी को मात्रात्मक रूप से विस्तार और अर्थव्यवस्था में गुणात्मक रूप से सुधार करना है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी उद्यमिता, नौकरियों और आजीविका के अवसरों का विस्तार करना है। कहा कि भारत को 'इंटरनेट' में उभरती ताकत के कुछ या सभी पहलुओं में नेतृत्व प्राप्त करना है।

डिजिटल इंडिया ने लोगों की महामारी में बहुत मदद की

श्री चंद्रशेखर ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को महामारी के दौरान देश के दूर-दराज के हिस्सों तक पहुंचाने में मदद करने का श्रेय सरकार को दिया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के फिर से मजबूत स्थिति में आने और वृद्धि होने का श्रेय प्रधानमंत्री के उस निवेश में है जो उन्होंने अपने प्रशासन के शुरुआती वर्षों में डिजिटल इंडिया में किया था और शासन में प्रौद्योगिकी को अंत:स्थापित किया था।

बैठक के दौरान, श्री चंद्रशेखर ने भू-राजनीति, आईसीटी व्यापार, डेटा प्रशासन और सीमा पार डेटा प्रवाह के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने यूट्यूब और एसवीपी गूगल के मुख्य उत्पाद अधिकारी नील मोहन के साथ बातचीत में नई प्रौद्योगिकियों, खुले इंटरनेट, सहयोग और राष्ट्रों के बीच डेटा साझा करने के संबंध में नियामक मुद्दों में सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।

देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता का विस्तार करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रौद्योगिकी का भविष्य कुछ गतिशील उद्यमियों और निवेशकों के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है, इसे क्वाड के चार सदस्य देशों द्वारा सक्रिय रूप से संचालित किया जाना है, जिनके पास खुले समाज, लोकतंत्र हैं और जो प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार दे सकते हैं। इंटरनेट का भविष्य - जो खुला, सुरक्षित और विश्वसनीय तथा जवाबदेह बना रहे। बातचीत के अग्रभाग और केंद्र में, प्रौद्योगिकी के भविष्य पर राजनीतिक समझ की आवश्यकता है।

उन्होंने अंत में कहा, "नागरिकों के बीच एक महत्वपूर्ण व्यवहार परिवर्तन आया है और सरकार धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। हम वास्तव में अपने मॉडल को फिर से खोज रहे हैं, चाहे वह कौशल हो या रचनात्मकता या सामग्री का निर्माण। मुझे लगता है कि यह नई सामान्य स्थिति है कि तकनीक हर दिन नए नायकों का निर्माण कर रही है, चाहे वे टेक स्पेस में यूनिकॉर्न हों या कंटेंट क्रिएटर्स।”

यह भी पढ़ें:

एक्सपो 2020 दुबई: तस्वीरें शेयर कर पीएम मोदी ने की अपील-हमारे इंडिया पैवेलियन में एक बार जरुर पधारिए

कांग्रेस के जी-23 नेताओं को शिवसेना ने बताया बीजेपी का एजेंट, राहुल की जमकर सामना में तारीफ

आजादी का अमृत महोत्सव: 50 हजार बीसी सखी गांवों में घर-घर पहुंचाएंगी बैंकिंग सर्विस

महामारी में मदद के नाम सैकड़ों महिलाओं-लड़कियों से रेप, डब्ल्यूएचओ के 21 कर्मचारियों समेत 83 पर आरोप, नाबालिगों को भी नहीं छोड़ा