सार
एक इंडीपेंडेंट कमेटी की जांच रिपोर्ट में इस शर्मनाक घटना की पुष्टि होने के बाद डब्ल्यूएचओ चीफ Tedros Adhanom Ghebreyesus ने इसे दु:खद करार देते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता यह है कि यह सुनिश्चित हो कि गुनाह करने वालों को सख्त सजा मिले।
नई दिल्ली। कांगोवासी (Congo) जब इबोला (Ebola) से डरे-सहमे हुए मौत से लड़ रहे थे तो मदद के नाम पर डब्ल्यूएचओ (WHO) के कर्मचारी मौके का फायदा उठाकर उनकी महिलाओं और लड़कियों का यौन शोषण (Sexual Abuse) करते रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World health Organisation) के 21 कर्मचारियों पर कांगो में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोप है। जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। अफ्रीकी देश में साल 2018 से 2020 तक डब्ल्यूएचओ के कर्मचारियों ने अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देते हुए महिलाओं और लड़कियों का शोषण किया। इन कर्मचारियों को डब्ल्यूएचओ ने इबोला महामारी से लड़ने के लिए तैनात किया था।
डब्ल्यूएचओ बोले: गुनाह करने वालों को मिलेगी सख्त सजा
एक इंडीपेंडेंट कमेटी की जांच रिपोर्ट में इस शर्मनाक घटना की पुष्टि होने के बाद डब्ल्यूएचओ चीफ Tedros Adhanom Ghebreyesus ने इसे दु:खद करार देते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता यह है कि यह सुनिश्चित हो कि गुनाह करने वालों को सख्त सजा मिले।
अस्पताल में भर्ती महिलाओं को भी बहशियों ने नहीं छोड़ा
जांच रिपोर्ट के अनुसार हास्पीटल में भर्ती महिलाओं को भी इन कर्मचारियों ने नहीं छोड़ा। बीमारी से एडमिट महिलाओं के साथ भी यौन हिंसा की गई। रिपोर्ट में 83 आरोपियों की पुष्टि हुई है जिन्होंने यौन शोषण किया है। इनमें 21 डब्ल्यूएचओ कर्मी हैं।
ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर करते थे रेप, कुछ नौकरी के नाम पर
पीड़ित महिलाओं के अनुसार आरोपी उनके ड्रिंक्स में चोरी से नशीला चीज मिला देते थे। इसके बाद उनका रेप करते। उसके बाद ब्लैकमेल किया करते। कईयों ने तो नौकरी का वादा करके महिलाओं को यौन शोषण का शिकार बनाया। आरोपियों ने नाबालिग लड़कियों को भी नहीं छोड़ा।
कैसे हुई जांच?
दरअसल, मामला उस वक्त तूल पकड़ा जब करीब पचास की संख्या में पीड़ित महिलाओं ने मदद की आड़ में रेप और यौन शोषण का आरोप लगाया। बता दें कि कांगो में दो हजार से अधिक लोगों की इबोला महामारी में जान गई थी।
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