सार

2023-24 के अंत तक ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम एक बी सी सखी तैनात किए जाने का प्रस्ताव है। फिलहाल, 50 हजार महिलाओं को बीसी सखी बनाकर प्रशिक्षित कर दिया गया है। 

नई दिल्ली। आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के दौरान सितंबर के अंतिम सप्ताह में पचास हजार महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHG) की सदस्यों को बिजनेस कॉरेस्पांडेंट (Bussiness Correspondent) के रूप में जोड़ा गया है। ये बिजनेस कॉरेस्पांडेंट (BC) गांवों में घर घर जाकर सेवाएं प्रदान करेंगी। इस इनिशिएटिव को वन जीपी वन बीसी सखी मिशन (One GP one BC sakhi Mission) का नाम दिया गया है। 

2023-24 तक हर गांव में कम से कम एक बीसी सखी होगी तैनात

इस मिशन के अंतर्गत 2023-24 के अंत तक ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम एक बी सी सखी तैनात किए जाने का प्रस्ताव है। फिलहाल, 50 हजार महिलाओं को बीसी सखी बनाकर प्रशिक्षित कर दिया गया है। 

यह है योजना

ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) के रूप में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। एसएचजी और उनके सदस्यों के बीच कैशलेस/डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) को सलाह दी गई है कि वे एसएचजी सदस्यों को अपने बीसी के रूप में शामिल करने के लिए अपने राज्य में कार्यरत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित विभिन्न बैंकों के साथ समन्वय करें।

सखी को एक सप्ताह का प्रशिक्षण, फिर ऑनलाइन टेस्ट

महिला एसएचजी सदस्यों को जिले के अग्रणी बैंक द्वारा स्थापित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थानों (आरएसईटीआई) में एक सप्ताह का आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है और उन्हें भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान (आईआईबीएफ), मुंबई द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निर्देश जारी किया है कि प्रत्येक बीसी सखी को IIBF प्रमाणित होना चाहिए।

54000 से अधिक को मिला आईआईबीएफ सर्टिफिकेट

ग्रामीण क्षेत्रों की 96 प्रतिशत महिला एसएचजी सदस्य जो इस परीक्षा में शामिल हुई हैं, उन्होंने इसे पास किया है। आईआईबीएफ द्वारा अब तक 54000 से अधिक महिला एसएचजी सदस्यों को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट के रूप में प्रशिक्षित और प्रमाणित किया जा चुका है। प्रशिक्षण और आईआईबीएफ प्रमाणन की लागत ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वहन की जाती है।

डीएवाई-एनआरएलएम ने सीएससी ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड (सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार का एक सहयोगी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि महिला एसएचजी सदस्यों को 'डिजीपे सखी' के रूप में शामिल किया जा सके ताकि वे बुनियादी बैंकिंग सुविधाएं प्रदान कर सकें। 

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