भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस अफसरों पर नाराज हुए CJI-ऐसे अफसरों को जेल के अंदर होना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) देश की लोकतांत्रिक अव्यवस्थाओं को लेकर फिर से नाराज हुए हैं। उन्होंने भ्रष्ट अफसरों को जेल में बंद करने की बात कही है।

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) ने एक बार फिर लोकतांत्रिक व्यवस्था की खामियों पर नाराजगी दिखाई है। इस बार उन्होंने भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस अफसरों पर तल्ख टिप्पणी की है। CJI ने ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस अफसरों की सरकार के साथ मिलीभगत पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये लोग जिस तरह से बर्ताव कर रहे हैं; वह बेहद आपत्तिजनक है। सरकार के साथ मिलकर अवैध तरीके से पैसा कमाने वाले इन अफसरों को जेल के अंदर होना चाहिए।

यह भी पढ़ें-Antilia Case: क्या गिरफ्तारी के डर से रूस भाग गए हैं मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह

Latest Videos

छत्तीसगढ़ के निलंबित IPS के मामले में कर रहे थे सुनवाई
CJI रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) गुरजिंदर पाल सिंह द्वारा दायर तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। जीपी सिंह पर छत्तीसगढ़ सरकार ने राजद्रोह, भ्रष्टाचार और जबरन वसूली की तीन FIR दर्ज कराई हैं। वे इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे है। इसी मामले की सुनवाई करते हुए CJI ने यह तल्ख टिप्पणी की।

यह भी पढ़ें-68 साल बाद फिर टाटा की होगी एयर इंडिया; हालांकि सरकार ने कहा-अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है

अफसर बदल लेते हैं सरकार
CJI रमना ने देश की मौजूदा स्थिति पर दु:ख जताते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी जो भी राजनीति दल सत्ता में होता है, उसके साथ होते हैं। जब कोई नई पार्टी आती है, तो सरकार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने लगती है। यह एक चलन बन चुका है। इसे रोका जाना चाहिए। CJI ने कहा कि उन्होंने एक बार यह भी सोचा कि क्यों न पुलिस अफसरों के अत्याचारों की शिकायतों की जांच के लिए स्थायी समितियां बना दूं। 

यह है जीपी सिंह का का मामला
बेंच ने फैसला सुरक्षित रखते हुए निलंबित IPS अफसर को दो मामलों (राजद्रोह और जबरन वसूली) में गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के संकेत दिए हैं। SC ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से कहा है कि वो इन याचिकाओं पर 8 सप्ताह के भीतर फैसला ले।

यह भी पढ़ें-PM ने किया स्वच्छ भारत और अटल मिशन का शुभारंभ, सफाई मित्र हमारे महानायक हैं, ये मिशन देश की महत्वाकांक्षा हैं

न्याय पालिका की कार्यशैली गुलामी से मुक्त नहीं हो सकी
कुछ दिन पहले CJI ने न्याय व्यवस्था पर सवाल खडे़ किए थे। वे कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल के जस्टिस एमएम शांतनगौदर को श्रद्धांजलि देने के लिए कनार्टक पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा था कि देश अभी भी न्याय व्यवस्था के मामले में गुलामी के दौर से मुक्त नहीं हो पाया है। देश को अपनी न्याय व्यवस्था पर जोर देने की जरूरत है। कानून प्रणाली का भारतीयकरण होने से जनता को सहूलियतें मिलेंगी। उन्होंने न्याय व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत की समस्याओं पर अदालतों की वर्तमान कार्यशैली फिट नहीं बैठती है।  सीजेआई रमना ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के लोग इंग्लिश में होने वाली कानूनी कार्यवाही को नहीं समझ पाते हैं। इसलिए उन्हें ज्यादा पैसे बर्बाद करने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी को कोर्ट और जज से डर नहीं लगना चाहिए।

जनता के लिए आरामदायक माहौल बने
रमना ने कहा था कि किसी भी न्याय व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण स्थान मुकदमा दायर करने वाले व्यक्ति का होता है। कोर्ट की कार्यवाही पारदर्शी और जवाबदेही भरी होनी चाहिए। जजों और वकीलों का कर्तव्य है कि वे ऐसामाहौल तैयार करें जो आरामदायक हो।


 

Share this article
click me!

Latest Videos

Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट
दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश