सितंबर में भारत का निर्यात(export) 21.35% से बढ़कर 33.44% हो गया है। ऐसा इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन की वजह से हुआ। वहीं, GST कलेक्शन बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत हैं।
नई दिल्ली. पिछले महीने भारत के निर्यात (export) में जबर्दस्त उछाल आया है। इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से सितंबर में निर्यात सालाना आधार पर 21.35 प्रतिशत बढ़कर 33.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। शुक्रवार को वाणिज्य मंत्रालय ने इस संबंध में आंकड़े जारी किए। बता दें कि यह जुलाई से सितंबर तक 101.89 बिलियन डॉलर हो गया है।
आयात भी में वृद्धि
सितंबर, 2021 में वस्तु आयात(commodity import) 84.75 प्रतिशत बढ़कर 56.38 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। एक साल पहले सितंबर में ही यह 30.52 अरब डॉलर था। यह सितंबर 2019 की तुलना में भी 49.58 प्रतिशत अधिक है। उस समय आयात 37.69 अरब डॉलर था। सितंबर में व्यापार घाटा 22.94 अरब डॉलर रहा। ऐसा सोने के आयात में उछाल के कारण है। यह करीब 750 प्रतिशत बढ़कर 5.11 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय(ministry of commerce and industry) के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर तिमाही के दौरान व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) 78.81 अरब डॉलर का हो गया है।
वस्तुओं का निर्यात भी बढ़ा
सितंबर, 2021 में वस्तुओं का निर्यात 33.44 अरब डॉलर था, जो पिछले सितंबर में 27.56 अरब डॉलर के निर्यात के मुकाबले 21.35 प्रतिशत तथा सितंबर 2019 में 26.02 अरब डॉलर के निर्यात की तुलना में 28.51 प्रतिशत अधिक है।
इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात
इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात माह के दौरान सितंबर 2020 की तुलना में 36.7 प्रतिशत बढ़कर 9.42 अरब डॉलर रहा। वहीं पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 39.32 प्रतिशत उछलकर 4.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 19.71 प्रतिशत बढ़कर 3.23 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। दवाइयों के निर्यात में जरूर 8.47 प्रतिशत की कमी देखी गई।
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कच्चे तेल का आयात बढ़ा
सितंबर में कच्चे तेल का आयात 200 प्रतिशत बढ़कर 17.436 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सितंबर में गैर-पेट्रोलियम निर्यात का मूल्य 28.53 अरब डॉलर रहा। इसमें सितंबर 2020 की तुलना में 18.72 प्रतिशत और सितंबर 2019 के मुकाबले 26.32 प्रतिशत का उछाल आया है। आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2021 में गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात का मूल्य 18.59 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 25.29 अरब डॉलर रहा। वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2021) में निर्यात 197.11 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि में 125.61 अरब डॉलर के मुकाबले 56.92 प्रतिशत और अप्रैल-सितंबर 2019 की तुलना में 23.84 प्रतिशत अधिक है। (न्यूज एजेंसी भाषा का इनपुट)
सितम्बर 2021, महीने में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,17,010 करोड़ रुपये रहा
सितम्बर, 2021 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह(Gross GST Revenue Collection) 1,17,010 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीजीएसटी 20,578 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 26,767 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 60,911 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 29,555 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (सेस) 8,754 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 623 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं।
सरकार ने नियमित निपटान के रूप में सीजीएसटी के लिए 28,812 करोड़ रुपये और आईजीएसटी से एसजीएसटी के लिए 24,140 करोड़ रुपये का निपटान किया है। सितम्बर 2021 में नियमित निपटान के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 49,390 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 50,907 करोड़ रुपये है।
पिछले साल की तुलना में संग्रह बढ़ा
सितम्बर 2021 महीने के लिए राजस्व संग्रह पिछले साल के इसी महीने में संग्रह किए गए जीएसटी राजस्व के मुकाबले 23 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल की इसी अवधि के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व की तुलना में इस महीने के दौरान वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व 30 प्रतिशत अधिक रहा और घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात सहित) से प्राप्त राजस्व 20 प्रतिशत अधिक रहा है। सितम्बर 2020 में राजस्व, सितम्बर 2019 में हुए 91,916 करोड़ रुपये की तुलना में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
अर्थव्यवस्था में सुधार
चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा है जो इसी वर्ष की पहली तिमाही में हुए औसत मासिक संग्रह 1.10 लाख करोड़ की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। इसके अलावा, आर्थिक वृद्धि और कर अपवंचना निरोधक गतिविधियों, विशेष रूप से फर्जी बिल बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई, ने जीएसटी संग्रह की बढ़ोतरी में योगदान दिया है और यह अनुमान है कि राजस्व में यह सकारात्मक रुझान जारी रहेगा और वर्ष की दूसरी छमाही में अधिक राजस्व प्राप्त होगा। केन्द्र ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व अंतर की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये की जीएसटी क्षतिपूर्ति भी जारी की है।