दिल्ली हिंसा पर पुलिस ने दाखिल की 930 पेज की चार्जशीट, कहा- हिंसा आतंकी गतिविधि जैसी

राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में हुई व्यापक हिंसा के दौरान घातक हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जिसके परिणामस्वरूप एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया और 50 से अधिक नागरिक मारे गए, जो एक आतंकवादी गतिविधि की परिभाषा में आता है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 25, 2020 1:25 PM IST

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में हुई व्यापक हिंसा के दौरान घातक हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जिसके परिणामस्वरूप एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया और 50 से अधिक नागरिक मारे गए, जो एक आतंकवादी गतिविधि की परिभाषा में आता है। दिल्ली पुलिस ने यह बात सांप्रदायिक हिंसा में कथित बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले में दायर अपनी चार्जशीट में कही है। चार्जशीट में पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है। मामला हिंसा को उकसाने की साजिश से संबंधित है, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 748 लोग घायल हुए थे।

पुलिस ने आरोपपत्र में कहा, इस मामले में, ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों पर आग्नेयास्त्रों, पेट्रोल बमों, एसिड हमलों और घातक हथियारों का उपयोग करने से एक पुलिसकर्मी शहीद हो जाता है और कुल 208 पुलिसकर्मियों को चोटें आती हैं। पुलिस ने आरोपपत्र में कहा कि यह इसलिए किया गया, ताकि केंद्र सरकार सीएए और एनआरसी को वापस लेने पर मजबूर हो, जो कि स्पष्ट रूप से आतंकवादी गतिविधि की परिभाषा में आती है। आरोप पत्र में ये भी कहा गया है, 50 से अधिक लोगों की मौत और आगजनी और अन्य साधनों से सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के अलावा 500 से अधिक सार्वजनिक व्यक्तियों के गंभीर रूप से घायल होने की वजह से भी यह आतंकवादी गतिविधि की परिभाषा में स्पष्ट रूप से आता है।

Latest Videos

देश की एकता को खतरे में डालने के लिए किए गए थे दंगे 
पुलिस ने जोर देते हुए कहा, इस मामले में, भारत की एकता को खतरे में डालने, लोगों में आतंक फैलाने के लिए कार्य किए गए थे। स्पष्ट रूप से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने आगे कहा कि समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं का व्यवधान भी इन हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था, क्योंकि सार्वजनिक परिवहन बंद थे, आवश्यक वस्तुओं तक पहुंच बंद हो गई थी, बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं और अस्पताल व मेडिकल स्टोर तक पहुंचा नहीं जा सकता था।

उमर खालिद को बताया गया सरगना 
चार्जशीट में पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को देशद्रोह का सरगना कहा है। पुलिस ने ये भी कहा है कि फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक हिंसा होने की तुलना में भारत सरकार के लिए इससे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय शर्मिंदगी नहीं हो सकती थी। पुलिस ने यह भी अंदेशा जताया है कि अगर षड्यंत्रकारी पूरी तरह से सफल हो गए होते, तो सरकार की जड़ें हिल जातीं, जिससे भारतीय लोगों के मन में अनिश्चितता और अराजकता घर कर जाती।

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन है संजय शिदें? बदलापुर कांड के आरोपी को दी मौत, दाऊद के भाई को किया था अरेस्ट । Badlapur
सिर्फ एक क्लिक आपको पहुंचा सकता है जेल, आपके फोन में भी तो नहीं हैं ऐसे वीडियो । Child Pornography
Navratri 2024 : ये हैं मां दुर्गा के 108 नाम, नवरात्रि में 9 दिन करें इनका जाप
Pitra Paksha में महिलाओं को नहीं करने चाहिए 6 काम
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान