तेलंगाना सचिवालय की बिल्डिंग से छिड़ा विवाद, BJP बोली-सरकार बनी, तो ताजमहल नुमा मकबरे को गिरा देंगे, ओवैसी भड़के

Published : Feb 16, 2023, 09:51 AM ISTUpdated : Feb 16, 2023, 09:54 AM IST
Political controversy over Telangana Secretariat Building's architecture being of Muslim style, Owaisi statement kpa

सार

तेलंगाना सचिवालय की नई बिल्डिंग को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। बीजेपी ने इसे तोड़ने एक ऐलान किया है। इस पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा कि आपको गर्व नहीं है कि तेलंगाना में ताजमहल से ऊंचा सचिवालय बन रहा है?

हैदराबाद. तेलंगाना सचिवालय की नई बिल्डिंग(Telangana Secretariat Building) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। बीजेपी ने इसे तोड़ने एक ऐलान किया है। इस पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा कि आपको गर्व नहीं है कि तेलंगाना में ताजमहल से ऊंचा सचिवालय बन रहा है?

दरअसल, सचिवालय की बिल्डिंग की डिजाइन को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। तेलंगाना के बीजेपी चीफ बंदी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar) ने ऐलान कर दिया है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो बिल्डिंग के गुंबद गिरा दिए जाएंगे। तेलंगाना के नए सचिववालय भवन का 17 फरवरी को उद्घाटन होना था, हालांकि इसे टाल दिया गया है। इसके पीछे राज्य में आचार संहिता का लागू होना बताया गया है। बंदी संजय का तर्क है कि बिल्डिंग का गुंबद मुस्लिम शैली का है। इसलिए अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनती है, तो इसे गिराकर तेलंगाना और देश की संस्कृति को दिखाने वाला आकार दिया जाएगा। बंदी कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि केसीआर सरकार ओवैसी को खुश करना चाहती है। ताजमहल एक मकबरा है।

बंदी कुमार के बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन(AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आपको गर्व नहीं है कि तेलंगाना में ताजमहल से ऊंचा सचिवालय बन रहा है। ताजमहल की खूबसूरती दुनिया के किसी इमारत में नहीं आ सकती। तेलंगाना में आप टांय-टांय फिस्स हो जाएंगे।

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यूपी के कानपुर में अतिक्रमण हादसे पर भी बोले ओवैसी-उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की राजनीति करने वालों ने एक मां और बेटी की जान ले ली। ये देश को बुलडोजर से चलाना चाहतें हैं संविधान से नहीं। आप (भाजपा) सिर्फ तोड़ना और बर्बाद करना चाहते हैं जोड़ना नहीं चाहतें।

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को बीबीसी कार्यालयों में आईटी विभाग के सर्वे ऑपरेशन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब यह आपातकाल (1975-77) के दौरान भाजपा के अनुकूल था, तो उनके नेता फॉरेन ब्रॉडकास्टर की प्रशंसा करते थे। ओवैसी ने छापों की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी बयान से सहमति जताते हुए जोर देकर कहा कि एक फंक्शनल डेमोक्रेसी के लिए प्रेस की स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है। एआईएमआईएम प्रमुख ने उम्मीद जताई कि बीबीसी पर दबाव नहीं डाला जाएगा और वह सच बोलना जारी रखेगा।

मीडिया से चर्चा करते हुए ओवैसी ने कहा कि, 'आपातकाल में जब बीजेपी को फायदा होता था, तो उनके नेता बीबीसी की तारीफ करते थे। मुझे यकीन है कि बीबीसी लोगों को सच बताना जारी रखेगा। समय बिल्कुल गलत है, इसलिए एडिटर्स गिल्ड ने सही बयान जारी किया है।'

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