राबड़ी की इफ्तार पार्टी: पढ़िए कुछ दिन पुराने tweets, जब 'यादव बंधु' ने नीतीश कुमार की सरकार को निकम्मा कहा था

विधानसभा चुनाव से पहले क्या बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है? यह सवाल इस समय जोरों पर है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Bihar Former Chief Minister Rabri Devi) ने शुक्रवार(22 अप्रैल) को अपने पटना स्थित आवास पर इफ्तार पार्टी (RJD iftar party) रखी। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Chief Minister Nitish Kumar) का पहुंचना सियासत गर्म कर गया।
 

Amitabh Budholiya | Published : Apr 23, 2022 3:48 AM IST / Updated: Apr 23 2022, 09:27 AM IST

पटना. यह कुछ दिन पहले की बात है, जब राष्ट्रीय जनता दल(RJD) के नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव अपने twitter हैंडल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Chief Minister Nitish Kumar) पर लगातार प्रहार कर रहे थे, लेकिन अचानक सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले क्या बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है? यह सवाल इस समय जोरों पर है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी (Bihar Former Chief Minister Rabri Devi) ने शुक्रवार(22 अप्रैल) को अपने पटना स्थित आवास पर इफ्तार पार्टी (RJD iftar party) रखी। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Chief Minister Nitish Kumar) का पहुंचना सियासत गर्म कर गया।

नीतीश का गर्म जोशी से स्वागत किया
नीतीश कुमार को RJD अपना धुर विरोधी मानती रही है। हालांकि इफ्तार पार्टी ने राजनीति का गणित ही बदल दिया है। राजद के संभावित उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी सहित पूरे परिवार ने नीतीश कुमार का गर्मजोशी से स्वागत किया। इफ्तार पार्टी में मौजूद लोकजन शक्ति पार्टी(लोजपा-रामविलास) के नेता और सांसद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के पैर छुए और आशीर्वाद लिया। पार्टी के दौरान लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप नीतीश कुमार के बगल में बैठे रहे। इस दौरान मीसा भारती भी मौजूद रहीं। इस पार्टी को बिहार की राजनीति में बड़ा उलट-फेर बताया जा रहा है। तेज प्रताप यादव ने कहा कि #Bihar में खेला होगा। हम जल्द सरकार में आएंगे।

बता दें कि लालू की गैरमौजूदगी में नीतीश पहली बार 10 सर्कुलर रोड वाले बंगले पहुंचे थे। आखिरी बार जनवरी 2017 में लालू द्वारा आयोजित दही-चुरा दावत के दौरान यहां आए थे। जबकि मई 2018 में वह पशु चिकित्सा कॉलेज के मैदान में तेज प्रताप की शादी में शामिल हुए थे।

कुछ दिन पहले तक निशाने पर थे नीतीश कुमार
इफ्तार पार्टी से कुछ दिन पहले तक नीतीश कुमार राजद के निशाने पर थे।
20 अप्रैल को तेजस्वी यादव ने tweet किया-दिल की बात-बिहार के बाहर जब दूसरे राज्यों में जाता हूं, तो हर क्षेत्र में जमीन आसमान का अंतर दिखाई देता है। जानकर दुःख होता है कि 17 वर्षों की भाजपा-नीतीश सरकार में बिहार हर मानक, हर मापदंड और हर सूचकांक में लगातार सबसे पिछलग्गू राज्य बना हुआ है।

20 अप्रैल को तेजस्वी यादव ने tweet किया-बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा है कि अब बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत नहीं है क्योंकि वो खुद सरकार में है तथा उनकी 17 वर्षों की सरकार के कारण नीति आयोग की रिपोर्ट्स अनुसार शिक्षा,स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में बिहार सबसे फिसड्डी एवं बेरोजगारी, गरीबी और पलायन में अव्वल है।

मुख्यमंत्री जी अपने चिर-परिचित स्वभाव,स्वार्थ,सहूलियत और राजनीतिक जरुरत अनुसार कभी विशेष राज्य का मुद्दा उठाते है, कभी अधिकार रैली का दिखावा करते है और अब कहते है इसकी जरुरत नहीं।

सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य होने के बावजूद उन्हें अब विशेष राज्य की ज़रूरत महसूस क्यों नहीं होती?

18 अप्रैल को तेजस्वी यादव ने जनता दरबार पर सवाल उठाते हुए tweet किया- फिर यह जनता दरबार की नौटंकी क्यों? ऐसे दरबार का क्या फ़ायदा जिसमें मुख्यमंत्री खुद आदेश देते है फिर भी महीनों बाद उस पर अमल नहीं होता। या तो मुख्यमंत्री जी विफल और कमजोर है या प्रशासन? अगर प्रशासन विफल है तो यानि मुख्यमंत्री जी विफल, अयोग्य और असमर्थ है।

डबल इंजन सरकार ने आम आदमी की जेब पर डाका डाल जीना मुश्किल कर दिया है। बिहार महंगाई से त्राहिमाम कर रहा है।

17 अप्रैल को तेजस्वी यादव ने tweet किया-क्या बिहार के 40 में से 39 लोकसभा सांसद एवं 4 दलों की “डबल इंजन सरकार” इतनी निकम्मी व नाक़ाबिल है कि जनता को महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से भी राहत नहीं दिला सकती?

कहा गया युवाओं का 19 लाख रोजगार? 
क्यों शिक्षा-चिकित्सा, विधि व्यवस्था खराब है? 
क्यों बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी नहीं मिट रही है? 
17 सालों की भाजपा नीतीश सरकार ने क्या किया?

11 अप्रैल को तेज प्रताप यादव ने tweet किया-नीतीश चचा जी ये दारू बंदी बहुत हुई, अब जरा रजनीगंधा तुलसी भी बंद करवाएं, कही आप भी तो मुंह में रजनीगंधा और कदमों में दुनिया वाली बात पर यकीन नही कर रहे। मुहिम- बंद करो रजनीगंधा तुलसी

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