अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर बिहार सहित देश के 13 राज्यों में युवाओं के हिंसक प्रदर्शन के बीच अब अग्निवीर पॉलिटिक्स में फंस गए हैं। कांग्रेस सहित बिहार की कई पार्टियां इसके विरोध में आ गई हैं, जबकि रक्षामंत्री ने योजना को एक क्रांतिकारी पहल बताया है।
नई दिल्ली. भारत की तीनों सेनाओं में भर्ती की नई स्कीम अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर बिहार सहित देश के 13 राज्यों में युवाओं के हिंसक प्रदर्शन के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शनिवार को कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृषि कानून वापस लेना पड़ा, उसी तरह उन्हें युवाओं की मांग माननी होगी और अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना को वापस लेना होगा। उधर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि इसे लेकर कुछ पॉलिटिकल पार्टियां भ्रम फैला रही हैं। राजनाथ सिंह ने शनिवार को इस नए सैन्य भर्ती मॉडल का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि इसे पूर्व सैनिकों सहित व्यापक विचार-विमर्श और सुझाव के बाद शुरू किया गया है।
कांग्रेस का हमला-भाजपा ने 8 सालों मे जय जवान-जय किसान की वैल्यू का अपमान किया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- लगातार 8 वर्षों से भाजपा सरकार ने 'जय जवान, जय किसान' वैल्यू का अपमान किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर हमला तेज कर दिया। उन्होंने केंद्र से सशस्त्र बलों में भर्ती की तैयारी कर रहे ग्रामीण युवाओं के दर्द को समझने का आग्रह किया है। राहुल गांधी ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, "मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री को काला कृषि कानून वापस लेना होगा। इसी तरह उन्हें माफीवीर बनकर देश के युवाओं की मांग माननी होगी और अग्निपथ योजना वापस लेनी होगी।"
प्रियंका गांधी ने हिंदी में ट्वीट करते हुए कहा, "सेना भर्ती की तैयारी कर रहे ग्रामीण युवाओं का दर्द समझिए। पिछले तीन साल से कोई भर्ती नहीं हुई। लगातार दौड़ने से उनके पैरों में छाले पड़ गए हैं, वे हताश हैं। युवा एयरफोर्स भर्ती के परिणाम और नियुक्तियों का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने उनकी स्थायी भर्ती, रैंक, पेंशन और रुकी हुई भर्ती छीन ली।" प्रियंका गांधी ने सशस्त्र बलों में भर्ती में देरी को लेकर मार्च में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे एक पत्र की एक प्रति भी शेयर की। 29 मार्च को लिखे अपने पत्र में प्रियंका गांधी ने सशस्त्र बलों में भर्ती में युवाओं के सामने आने वाली समस्याओं को उठाया था।
सरकार का तर्क- सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया में एक क्रांतिकारी कदम
राजनाथ सिंह ने योजना को एक क्रांतिकारी कदम बताया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह योजना सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। रक्षामंत्री ने दो टूक कहा कि योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को दिए जाने वाली ट्रेनिंग की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि यह आर्म्ड फोर्सेज में भर्ती प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। कुछ लोग इसके बारे में गलतफहमी फैला रहे हैं। हो सकता है कि लोगों में कुछ भ्रम हो, क्योंकि यह एक नई योजना है। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि लोगों में देश के लिए अनुशासन और गर्व की भावना हो। किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना रक्षा मंत्री ने सुझाव दिया कि 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ कुछ विरोध राजनीतिक कारणों से हो सकते हैं। किसी भी राजनीतिक दल की छवि खराब करने के लिए बहुत सारे मुद्दे हैं। लेकिन हम जो भी राजनीति करते हैं, चाहे वह विपक्ष में रहे या सरकार में, वह देश के लिए है।
जवानों का मनोबल गिरना नहीं चाहिए
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, "क्या हमें देश के जवानों का मनोबल गिराना चाहिए? यह न्यायसंगत नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा कि 'अग्निपथ योजना' के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को पैरामिलिट्री, राज्य सरकारों, निजी उद्योगों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा विभिन्न नौकरियों के चयन में प्राथमिकता दी जाएगी। 'अग्निवीर' केवल सशस्त्र बलों में नए रंगरूटों को लाने का नाम नहीं है, उन्हें भी वही क्वालिटी वाली ट्रेनिंग दी जाएगी, जो आज सेना के जवानों को मिल रही है। ट्रेनिंग का समय कम हो सकता है, लेकिन क्वालिटी से समझौता नहीं किया जाएगा।
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