वैक्सीन पर बोले केजरीवाल-'रोज 30000 मामले भी आएं, तो हम निपटने में सक्षम, लेकिन दिल्ली को वैक्सीन चाहिए'

कोरोना संकट के बीच 'राजनीतिक संक्रमण' भी बराबर अपना असर दिखा रहा है। पहले ऑक्सीजन को लेकर पॉलिटिक्स होती रही, अब वैक्सीनेशन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को डिजिटल प्रेस कान्फ्रेंस में वैक्सीन का मुद्दा उठाया। इस पर भाजपा नेत्री मीनाक्षी लेखी ने उन्हें झूठा करार दिया। उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपना अलग 'राजनीति राग' अलाप रहे हैं।

नई दिल्ली. देश कोरोना संकट से जूझ रहा है, बावजूद एकजुट होकर इस मुसीबत का सामना करने के बजाय विभिन्न राजनीतिक दल एक-दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं। यानी कोरोना संकट के बीच 'राजनीतिक संक्रमण' भी बराबर अपना असर दिखा रहा है। पहले ऑक्सीजन को लेकर पॉलिटिक्स होती रही, अब वैक्सीनेशन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को डिजिटल प्रेस कान्फ्रेंस में वैक्सीन का मुद्दा उठाया। इस पर भाजपा नेत्री मीनाक्षी लेखी ने उन्हें झूठा करार दिया। उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपना अलग राजनीति राग अलाप रहे हैं।

पहले जानते हैं केजरीवाल क्या बोले...
ऑक्सीजन का मुद्दा सुलझाने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक कमेटी बना देने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र पर सवाल उठाने लगे हैं। मंगलवार को केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कान्फ्रेंस के जरिये केंद्र को सलाह के बहाने नसीहत दे डाली। केजरीवाल ने कहा कि इस समय सिर्फ दो कंपनियां वैक्सीन बना रही हैं, अगर कुछ और कंपनियों को प्रोडक्शन करने का काम दिया जाए, तो वैक्सीन की समस्या खत्म हो जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अब कुछ दिनों की ही वैक्सीन बची है। उनकी कोशिश दिल्ली के लोगों को बचाने की है। यदि केंद्र सरकार मदद करे, तो दिल्ली के लोगों को वैक्सीन लगाने का काम जल्द पूरा हो जाएगा। केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में जिस गति से बुनियादी ढांचे को बढ़ाया जा रहा है, उसे देखते हुए अगर रोज 30000 केस भी आएं, तो उनसे निपटा जा सकता है। केजरीवाल ने कहा कि उम्मीद है कि महामारी की दूसरी लहर दिल्ली से निकल चुकी है।

Latest Videos

केजरीवाल सिर्फ धोखा देते हैं
इस मामले में भाजपा नेत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा-लगातार विज्ञापन आ रहा है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली में यूनिवर्सल वैक्सीनेशन उपलब्ध कराने वाले हैं। अब तक ना तो ग्लोबल टेंडर किया है और ना कहीं से वैक्सीन का प्रावधान किया है। हिम्मत है तो टेंडर की कॉपी दिखाओ, लोगों को धोखा देना ही आज इनकी रणनीति रह गई है। 2015 में 'आप' ने अपने घोषणा पत्र में उल्लेख किया था कि दिल्ली में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाएंगे और 30,000 बेड्स लगाएंगे, लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद पता चला कि सिर्फ 354 बेड्स बढ़ाए गए, वो भी तब, जब पिछले साल केंद्र सरकार ने दबाव बनाया। केजरीवाल के पहले दिल्ली में डिस्पेन्सरी की संख्या 265 थी, जो अब 230 बची है। मीनाक्षी लेखी ने  MCD के कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि इनका वेतन देने का काम दिल्ली सरकार का है। इसके लिए अगर 500 करोड़ रुपये की जरूरत है, तो दिल्ली सरकार ने सिर्फ 9 करोड़ दिए, कभी 10 करोड़ दिए। केंद्र सरकार ने पिछले साल दिल्ली सरकार को 1,116 करोड़ रुपये और इस वर्ष 1,120 करोड़ रुपये दिए हैं।

महाराष्ट्र भी दूसरी वैक्सीन को अनुमति देने के पक्ष में
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा-रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-V के 6 करोड़ डोज के लिए हमने रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट अथॉरिटी को मेल किया है। केंद्र से मांग है कि सिर्फ इस पर निर्भर न रहें, दुनिया की अन्य वैक्सीन को मंजूरी दें और राज्यों को अधिकार दें कि वो ग्लोबल टेंडर से इसे खरीद सकें। हमारे पास 18-44 साल के लोगों के लिए करीब 3 लाख वैक्सीन की डोज है। इसे रोककर, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए इस्तेमाल करने का आदेश स्वास्थ्य विभाग ने महाराष्ट्र के सभी केंद्र को दिया है।

पीएम को सेंट्रल विस्टा के सिवाय दूसरा कुछ नहीं दिखता
इस सबसे अलग कांग्रेस नेता राहुल गांधी अलग ही ट्वीट करने में लगे हैं। उन्होंने ट़्वीट किया कि नदियों में शव बह रहे हैं, लेकिन पीएम को सेंट्रल विस्टा के अलावा और कुछ नहीं दिखता।

 

नदियों में बहते अनगिनत शव
अस्पतालों में लाइनें मीलों तक
जीवन सुरक्षा का छीना हक़!

PM, वो गुलाबी चश्में उतारो जिससे सेंट्रल विस्टा के सिवा कुछ दिखता ही नहीं।

 

ये है वैक्सीनेशन की कहानी...
भारत में वैक्सीनेशन का चौथा फेज 1 मई से शुरू हुआ है। इस फेज में देश की एक बड़ी संख्या वैक्सीनेशन कराएगी। इसमें इसमें 18 से 45 साल की उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे। पहला फेज 16 जनवरी से शुरू किया गया था। लेकिन इसमें हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी गई थी। इनकी संख्या करीब 3 करोड़ है। वैक्सीनेशन का दूसरा फेज 1 मार्च से शुरू हुआ था। इसमें 60+ और किसी गंभीर बीमार से ग्रस्त 45+ के लोगों को शामिल किया गया था। इनकी संख्या करीब 27 करोड़ है। तीसरा फेज 1 अप्रैल से शुरू हुआ था। इसमें 45 की उम्र के सभी लोगों को शामिल किया गया।

जानें रजिस्ट्रेशन से जुड़ीं जरूरी बातें...
वैक्सीनेशन के लिए सेंटर पर असुविधा से बचने बेहतर होगा कि आप पहले से ही रजिस्ट्रेशन करा लें।Co-Win चीफ आर शर्मा ने जानकारी दी कि cowin.gov.in पर रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नंबर पर OTP आएगा। इसका वैरिफिकेशन कराना होगा। साथ ही आधार कार्ड, पैन कार्ड या अन्य किसी वैलिड फोटो पहचान पत्र के आधार पर इसे सम्मिट करना होगा। फिर पिनकोड डालकर आपको वैक्सीनेशन की जगह यानी सेंटर, तारीख और समय बताना होगा। एक मोबाइल ने अधिकतम 4 लोग रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।  आपको SMS के द्वारा जरूरी डिटेल्स भेजी जाएगी। फिर आपको Beneficiary Reference ID दी जाएगी इसे सेव करके रख लें। वैक्सीनेशन पेज पर बुक अपॉइंटमेंट पर आप वैक्सीनेशन सेंटर चुन सकते हैं। Covid-19 वैक्सीन  का सर्टिफिकेट cowin.gov.in और Aarogya Setu ऐप से डाउनलोड किया जा सकता है।

नहीं मिलेगी वॉक-इन सुविधा
इस बार सीधे सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवाने की सुविधा नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि18 से 44 साल के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। वॉक-इन यानी सीधे केंद्रों पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा नहीं मिलेगी।

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव नियमों में बदलाव को कांग्रेस की Supreme Court में चुनौती, क्या है पूरा मामला । National News
'अब पानी की नो टेंशन' Delhi Election 2025 को लेकर Kejriwal ने किया तीसरा बड़ा ऐलान
जौनपुर में कब्रिस्तान के बीचो-बीच शिवलिंग, 150 या 20 साल क्या है पूरी कहानी? । Jaunpur Shivling
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market
LIVE🔴: अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 'अटल युवा महाकुम्भ' का उद्घाटन