जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले (Poonch Terror Attack) के लिए आतंकियों ने स्टिकी बम (Sticky Bomb) का इस्तेमाल किया था। आतंकियों ने 36 राउंड गोली चलाई। 2 हजार कमांडो आतंकियों की तलाश कर रहे हैं।
नई दिल्ली। 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले (Poonch Terror Attack) की जांच के दौरान सुरक्षा बलों को पता चला है कि इसके लिए चिपकने वाले बम का इस्तेमाल किया गया। इस हमले में भारतीय सेना के पांच जवानों की जान गई।
आतंकियों ने स्टिकी बम (Sticky Bomb) से सेना के ट्रक को उड़ाया, इसके बाद 36 राउंड गोली चलाई। स्टिकी बम ऐसा एक्सप्लोसिव डिवाइस है जिसे किसी गाड़ी में चिपकाया जा सकता है। इसके बाद टाइमर या रिमोट की मदद से धमाका किया जा सकता है।
कटरा में हुए हमले जैसा है पुंछ अटैक का तरीका
शनिवार को दिल्ली से फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स मौक पर पहुंचे और नमूने जमा किए। जवानों ने ट्रक से दो ग्रेनेड पिन बरामद किए हैं। सेना के एक जवान को निकालने वाले तीन पैरामेडिक्स के बयान दर्ज किए गए हैं। हमले का तरीका पिछले साल कटरा में हुए हमले के समान लग रहा था।
2 हजार कमांडो कर रहे आतंकियों की तलाश
आतंकियों की तलाश के लिए सेना द्वारा बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 2 हजार कमांडो को आतंकियों की तलाश में लगाया गया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस व अर्थसैनिक बलों के जवान भी तलाशी अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। हेलीकॉप्टर, ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद सर्च ऑपरेशन में ली जा रही है।
IB ने सौंपी गृह मंत्रालय को रिपोर्ट
आईबी ने पुंछ आतंकी हमले को लेकर अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। इसे मामले की जांच कर रही NIA (National Investigation Agency) के साथ भी शेयर किया गया है। सैन्य सूत्रों के अनुसार इस आतंकी हमले में दो ग्रुप के सात आतंकी शामिल थे। ये आतंकी पाकिस्तान स्थिति आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं।
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खुफिया सूत्रों ने कहा है कि हमला करने वाले आतंकवादियों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की मदद से जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सक्रिय जमीनी कार्यकर्ताओं की मदद से ऐसा किया। हमले की जिम्मेदारी जैश समर्थित आतंकी समूह पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है।