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Poonch Terror Attack: पिता के लिए बनवाना चाहता था नया घर, देखना चाहता था मासूम बेटी का चेहरा, दोनों वादे अधूरे रह गए
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पुंछ. जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट (Rashtriya Rifles unit) के जवानों को ले जा रहे भारतीय सेना के ट्रक पर हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लांस नायक देवाशीष बिस्वाल की शादी एक साल पहले ही हुई थी। वे अपने पीछे चार महीने की एक बेटी और एक वादा छोड़ गए हैं। उन्होंने अपने पिता से किया था कि ओडिशा के पुरी जिले के अलगुम गांव में एक नया घर बनाएंगे। 32 वर्षीय देवाशीष उन पांच जवानों में शामिल हैं, जो इस हमले में मारे गए थे।
देवाशीष बिस्वाल की पिछले साल 4 मई को अक्षय तृतीया पर शादी हुई थी। उन्हें लोग प्यार से 'साहित्य' कहते थे।1 जनवरी को वे पिता बने थे। बेटी के जन्म के 21 दिन बाद सबको दावत दी थी।
देवाशीष के पिता प्रताप ने रोते हुए कहा-“उसने अगले महीने (मई) घर आने का वादा किया था, लेकिन वह दिन कभी नहीं आएगा। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरा साहित्य अब नहीं रहा।"
प्रताप ने बेटे देबाशीष को साहित्य उपनाम दिया था, जबकि उनके छोटे बेटे देबप्रसाद को प्यार से विज्ञान कहा जाता है। देवाशीष बचपन से ही सेना में जाना चाहता था।
देबाशीष ने आखिरी बार अपनी पत्नी संगीता को 20 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर कॉल करके बेटी के बारे में पूछा था। संगीता पुरी में आईटीआई में ट्रेनर है। (सर्चिंग के दौरान बरामद ड्रोन)
देवाशीष 2013 में राष्ट्रीय राइफल्स में एक जनरल ड्यूटी सिपाही के रूप में शामिल हुए थे। सरकारी नौकरी करने वाले अपने परिवार के पहले सदस्य थे।(सर्चिंग के दौरान बरामद आतंकी सामान)
चचेरे भाई दिलीप ने कहा-छात्र जीवन से ही देबाशीष खेलों में हमेशा अव्वल आते थे। वे बहुत मददगार थे। बाढ़ और चक्रवात के दौरान लोगों की काफी हेल्प की।
शुक्रवार को परिवार को सांत्वना देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी देबाशीष के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
आतंकी हमल में जान गंवाने वाले सैनिकों को देशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है।
यह तस्वीर बठिंडा की है। आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारतीय सेना के सिपाही सेवक सिंह पंजाब के बठिंडा जिले के रहने वाले थे।
यह तस्वीर पंजाब के बटाला की है। ये हैं जान गंवाने वाल सिपाही हरकृष्ण सिंह के परिवार के लोग।