
Pralay missile at Kartavya Path on RD Parade: 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारत ने न केवल अपनी सांस्कृतिक विविधता, एकता और समानता की झलकियां दिखायी बल्कि देश की अद्भुत सैन्य शक्ति का भी मुजाहिरा किया। कर्तव्य पथ पर देश की तीनों सेनाओं ने अपनी ताकत का शानदार प्रदर्शन किया। रविवार को कर्तव्य पथ पर परेड में स्वदेशी रूप से विकसित कम दूरी की सामरिक मिसाइल, 'प्रलय' भी पहली बार शामिल हुआ। प्रलय को डीआरडीओ ने डिज़ाइन किया है।
प्रलय परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल 500 से 1,000 किलोग्राम तक पेलोड ले जा सकती है और इसकी प्रभावी रेंज 150 से 500 किलोमीटर तक है।
इस परेड में घरेलू स्तर पर विकसित मिसाइलों, निगरानी प्रणालियों और उन्नत हथियारों के प्रदर्शन के साथ भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं को भी उजागर किया गया। डीआरडीओ ने राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से कई अभूतपूर्व इनोवेशन्स का प्रदर्शन किया।
'रक्षा कवच - बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय सुरक्षा' थीम पर आधारित इसकी झांकी में कई एडवांस सिस्टम्स को प्रदर्शित किया गया। इनमें क्विक रिस्पांस वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, 155 मिमी/52 कैलिबर एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम और ड्रोन का पता लगाने, उन्हें रोकने और निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक सिस्टम शामिल था। प्रदर्शन में एक उपग्रह-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम-शक्ति वाला रडार अरुधरा, एक उन्नत हल्का टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली धारशक्ति, एक लेजर-आधारित निर्देशित-ऊर्जा हथियार और एक बहुत ही कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली को भी उजागर किया गया।
उत्सव के हिस्से के रूप में, 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' थीम के तहत कर्तव्य पथ पर 31 झांकियों ने परेड की जिसमें देश की विरासत और विकास को दर्शाया गया। भारत ने संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने पर विशेष जोर देते हुए अपनी सांस्कृतिक समृद्धि, प्रगति और सैन्य ताकत को उजागर करते हुए अपना गणतंत्र दिवस मनाया।
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