भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रत्याशी को जीताने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। विपक्ष व एनडीए दलों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अधिकृत किया है।
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रत्याशी को जीताने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। विपक्ष व एनडीए दलों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अधिकृत किया है। BJP चाहती है कि राष्ट्रपति चुनाव में पक्ष और विपक्ष सर्वसम्मति से एक प्रत्याशी खड़ा कर जिसका निर्विरोध निर्वाचन हो सके।
बीजेपी प्रवक्ता ने बयान जारी कर बताया कि पार्टी ने रविवार को अपने अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को राष्ट्रपति के चुनाव पर विपक्ष सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए अधिकृत किया है। भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि दोनों वरिष्ठ नेता सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के घटक दलों के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के साथ-साथ निर्दलीय सदस्यों से भी बात करेंगे। दोनों अधिकृत नेता जल्द ही विभिन्न पार्टी प्रमुखों से बातचीत की शुरूआत करेंगे।
पिछली बार नहीं बन सकी थी आम सहमति
विपक्षी दलों ने 2017 में पिछले राष्ट्रपति चुनावों के दौरान भाजपा पर अंतिम समय में उनसे संपर्क करने का आरोप लगाया था। राष्ट्रपति प्रत्याशी के रूप में बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को अचानक चुनाव मैदान में उतार दिया था। विपक्ष ने मीरा कुमार को समर्थन देकर चुनाव लड़ाया था। हालांकि, मीरा कुमार, कोविंद से हार गई थीं। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे और जरूरत पड़ने पर वोटों की गिनती 21 जुलाई को की जाएगी।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए 4809 वोटर करेंगे मतदान
अगले राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा। इस चुनाव में सांसदों और विधायकों सहित 4,809 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी को चुनेंगे। लोकसभा और राज्यसभा के साथ-साथ कई राज्य विधानसभाओं में अपनी ताकत के चलते, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी चुनाव में अपने द्वारा नामित उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए आश्वस्त दिख रही है। हालांकि, बीजेपी को दो राज्यों के बड़े क्षत्रपों को मनाना होगा। इस बार बीजेपी को बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के समर्थन की आवश्यकता होगी। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में दोनों पार्टियों ने कोविंद का समर्थन किया था।
राजनाथ सिंह के विपक्ष से भी अच्छे संबंध
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की गिनती उन नेताओं में होती है जो विपक्ष में भी अपने बेहतर संबंध बनाए रखे हुए हैं। वह 2017 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान विपक्षी दलों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए भाजपा की समिति का भी हिस्सा थे। 2017 में, तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रपति चुनावों पर सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करने के लिए तत्कालीन वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और एम वेंकैया नायडू के तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था।
मीरा कुमार थीं विपक्ष की उम्मीदवार
भाजपा ने चुनाव में बिहार के तत्कालीन राज्यपाल कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया था। विपक्ष समर्थित मीरा कुमार को हराकर कोविंद राष्ट्रपति बने। विपक्ष भी इस बार मजबूती से मैदान में आने की सोच रहा है। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई विपक्षी नेताओं से संपर्क किया है। बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव की पृष्ठभूमि में 15 जून को दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है।
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