बुद्ध पूर्णिमा पर बोले मोदी-एक सदी में इस तरह की महामारी नहीं देखी, मैं फ्रंटलाइन वर्कर्स को सलाम करता हूं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए फ्रंटलाइन वर्कर्स को सलाम किया। इस संकट की घड़ी में बौद्ध संस्थाओं के मिल रहे सहयोग के प्रति आभार जताते हुए पीएम ने बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान भी किया। मोदी वेसाक ग्लोबल सेलिब्रेशन को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
 

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2021 5:33 AM IST

नई दिल्ली. बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुद्ध को याद करते हुए कोरोना संकट में जी-जान से अपने कर्त्तव्यों में जुटे फ्रंटलाइन वर्कर्स को सलाम किया। इस संकट की घड़ी में बौद्ध संस्थाओं के मिल रहे सहयोग के प्रति आभार जताते हुए पीएम ने बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान भी किया। मोदी वेसाक ग्लोबल सेलिब्रेशन को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। 

एक सदी में ऐसी महामारी नहीं देखी
मोदी ने कहा-मैं फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स,डॉक्टरों,नर्सों को एक बार फिर सलाम करता हूं, जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं और जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। उनके परिजनों के प्रति शोक व्यक्त करता हूं। कई देशों और भारत ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर को महसूस किया। हमने एक सदी से इस तरह की महामारी नहीं देखी। पिछले एक साल में कई बदलाव हुए। अब हमें महामारी की बेहतर समझ है, हमारे पास वैक्सीन है। मोदी ने कहा कि इस बीमारी से मिलकर ही जीता जा सकता है। अब हमारे पास महामारी से निपटने की अच्छी समझ विकसित हो चुकी है।

50 से ज्यादा बौद्ध धर्मगुरु ऑनलाइन जुड़े
बता दें कि यह आयोजन संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के सहयोग से किया गया था। इसमें श्रीलंका और नेपाल के प्रधानमंत्री के अलावा दुनियाभर के 50 से ज्यादा बौद्ध धर्मगुरु भी ऑनलाइन जुड़े। बुद्ध पूर्णिमा चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत में बड़े स्तर पर मनाई जाती रही है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण यह आयोजन सामान्य रखा गया। इस दिन बोधि वृक्ष की पूजा की जाती है। श्रीलंका में इस पर्व को वेसाक कहते हैं।
 

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