Make in India पहल के 10 साल पूरे, PM ने किया 140 करोड़ देशवासियों को सलाम

Published : Sep 25, 2024, 07:10 PM ISTUpdated : Sep 25, 2024, 07:12 PM IST
Make in India

सार

प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया के 10 साल पूरे होने पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने मोबाइल उत्पादन, इस्पात उद्योग, सेमीकंडक्टर उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग जैसे क्षेत्रों में प्रगति का उल्लेख किया है।

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया पहल के 10 वर्ष पूरे होने पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ब्लॉग लिखकर Make in India पर अपने विचार शेयर किए है। आगे पढ़ें पीएम मोदी के ब्लॉग की मुख्य बातें...

आज आप में से हर एक को सलाम करने का अवसर है। आपने इस पहल को सफल बनाया है। आप में से हर किसी ने ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता को बढ़ावा दिया है। यह प्रयास 10 साल पहले एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ शुरू हुआ था। लक्ष्य था कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़े, आयात कम हो और निर्यात बढ़े।

पिछले दशक पर विचार करते हुए, मैं इस बात पर गर्व महसूस किए बिना नहीं रह सकता कि 140 करोड़ भारतीयों की ताकत और कौशल ने हमें कितनी दूर तक पहुंचाया है। ‘मेक इन इंडिया’ की छाप सभी क्षेत्रों में दिखाई देने लगी है। इनमें ऐसे क्षेत्र भी शामिल हैं, जिनके बारे में हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। मैं एक-दो उदाहरण देता हूं।

मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग: हम जानते हैं कि मोबाइल फोन अब कितने महत्वपूर्ण हो गए हैं। 2014 में हमारे पास पूरे देश में केवल दो मोबाइल बनाने वाली फैक्ट्री थी। आज यह संख्या बढ़कर 200 से अधिक हो गई है। हमारा मोबाइल निर्यात 1,556 करोड़ रुपए से बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपए हो गया है। आज, भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले 99% मोबाइल फोन मेड इन इंडिया हैं। हम वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे बड़े मोबाइल निर्माता बन गए हैं।

इस्पात उद्योग पर नजर डालें तो हम तैयार इस्पात के निर्यातक बन गए हैं। 2014 से उत्पादन में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है। हमारे सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। पांच प्लांट को मंजूरी दी गई है, जिनकी संयुक्त क्षमता प्रतिदिन 7 करोड़ से अधिक चिप्स की होगी।

रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में हम दुनिया में चौथे सबसे बड़े उत्पादक हैं। 10 साल में इसकी क्षमता में 400% की वृद्धि हुई है। हमारा इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग 2014 में लगभग अस्तित्व में नहीं था, अब 3 बिलियन डॉलर का हो गया है। रक्षा उत्पादन निर्यात 1,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपए हो गया है।

पूरा ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

PREV

Recommended Stories

बिना डरे बाड़ फांदकर भारत में कुछ यूं घुसते हैं बांग्लादेशी, यकीन ना हो तो देख लो ये वीडियो!
गोवा नाइटक्लब आग: लूथरा ब्रदर्स की थाईलैंड में हिरासत की पहली तस्वीरें