प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले महीने मन की बात के 100वें एपिसोड का प्रसारण हुआ। इस दौरान पूरा देश एक सूत्र में बंध गया था।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात का 101 वां एपिसोड किया। नरेंद्र मोदी ने कहा, "100वें एपिसोड के ब्रॉडकास्ट के समय एक प्रकार से पूरा देश एक सूत्र में बंध गया था। हमारे सफाईकर्मी भाई-बहन हों या फिर अलग-अलग क्षेत्रों के दिग्गज, मन की बात ने सबको एक साथ लाने का काम किया है। आप सभी ने जो आत्मीयता और स्नेह मन की बात के लिए दिखाया है वो अभूतपूर्व है।"
उन्होंने कहा, "जब मन की बात का प्रसारण हुआ तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग टाइम जोन में, कहीं शाम हो रही थी तो कहीं देर रात। इसके बाद भी बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला। मैंने हजारों मील दूर न्यूजीलैंड का वो वीडियो भी देखा, जिसमें 100 वर्ष की एक माताजी अपना आशीर्वाद दे रहीं हैं।"
नरेंद्र मोदी ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किए गए 'युवा संगम' का जिक्र किया। उन्होंने 'युवा संगम' में हिस्सा लेने वाले अरुणाचल प्रदेश के ग्यामार न्योकुम और बिहार की विशाखा सिंह से बात की।
म्यूजियम से मिलते हैं नए सबक
नरेंद्र मोदी ने कहा, "कुछ दिन पहले मैं जापान के हिरोशिमा गया था। वहां हिरोशिमा पीस मेमोरियल म्यूजियम में जाने का अवसर मिला। यह भावुक कर देने वाला अनुभव था। जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो वो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता है। कई बार म्यूजियम में हमें नए सबक मिलते हैं तो कई बार हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।"
उन्होंने कहा, "बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखे हैं। स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में बिप्लोबी भारत गैलरी हो या फिर जालियावालां बाग मेमोरियल का पुनुरुद्धार, देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित पीएम म्यूजियम भी आज दिल्ली की शोभा बढ़ा रहा है।"
बिना पानी के देश का विकास भी ठप्प पड़ जाता है
पीएम ने कहा, "हम सबने एक कहावत कई बार सुनी होगी, बिन पानी सब सून। बिना पानी जीवन पर संकट तो रहता ही है, व्यक्ति और देश का विकास भी ठप्प पड़ जाता है। भविष्य की इसी चुनौती को देखते हुए आज देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है।" प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप FluxGen, LivNSense और कुंभी कागज का जिक्र किया।
वीर सावरकर को किया याद
प्रधानमंत्री ने वीर सावरकर को याद किया। उन्होंने कहा, "आज महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती है। उनके त्याग, साहस और संकल्प-शक्ति से जुड़ी गाथाएं आज भी हम सबको प्रेरित करती हैं। मैं, वो दिन भूल नहीं सकता, जब अंडमान में उस कोठरी में गया था जहां वीर सावरकर ने कालापानी की सजा काटी थी। वीर सावरकर का व्यक्तित्व दृढ़ता और विशालता से समाहित था। उनके निर्भीक और स्वाभिमानी स्वभाव को गुलामी की मानसिकता बिल्कुल भी रास नहीं आती थी। स्वतंत्रता आंदोलन ही नहीं, सामाजित समानता और सामाजिक न्याय के लिए भी वीर सावरकर ने जितना कुछ किया उसे आज भी याद किया जाता है।"