प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) 11 से 12 नवंबर तक 4 राज्यों के दौरे पर हैं। इस दौरान कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को कई सौगातें मिली हैं। मोदी ने कई बड़े प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग और नींव रखी। मोदी ने 25,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) 11 से 12 नवंबर तक 4 राज्यों के दौरे पर हैं। इस दौरान कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को कई सौगातें मिली हैं। मोदी ने कई बड़े प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग और नींव रखी। मोदी ने 25,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है। मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 10,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के अलावा आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, राज्य के मंत्री, सांसद और विधायक शामिल हुए।
नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश में ओएनजीसी की 2,917 करोड़ रुपये की यू-फील्ड ऑनशोर डीपवाटर ब्लॉक परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। यह लगभग तीन मिलियन मीट्रिक मानक घन मीटर प्रति दिन (MMSCMD) की उत्पादन क्षमता वाला सबसे डीप गैस डिस्कवरी प्रोजेक्ट है। राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन प्रधान मंत्री ने आंध्र विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के मैदान से वर्चुअल मोड में 15,233 करोड़ रुपए के 9 प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया और एक पट्टिका का अनावरण किया। मोदी ने श्रीकाकुलम-गजपति कॉरिडोर के हिस्से के रूप में 211 करोड़ रुपये की लागत से बने 39 किलोमीटर लंबे नरसन्नापेटा टू पाठापटनम ब्लॉक NH-326A को समर्पित किया। यह परियोजना आंध्र प्रदेश और ओडिशा के पिछड़े क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। मोदी ने 3,778 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एनएच-130सीडी के सिक्स लेन 100 किलोमीटर के एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के एपी खंड की आधारशिला रखी। यह कॉरिडोर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विभिन्न औद्योगिक नोड्स के बीच विशाखापट्टनम बंदरगाह और चेन्नई कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच तेजी से कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह एपी और ओडिशा के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगा। भविष्य में 10 लेन विस्तार के सथ परियोजना के अक्टूबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
पीएम ने विशाखापट्टनम में कॉन्वेंट जंक्शन से शीला नगर जंक्शन तक एक डेडिकेटेड पोर्ट रोड की आधारशिला रखी। 566 करोड़ रुपये की परियोजना विशाखापट्टनम बंदरगाह यातायात के लिए एक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रूप में काम करेगी और शहर में यातायात की भीड़ को कम करेगी।
यह सड़क मार्च 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगी।
ये शहर बहुत खास है। यहां हमेशा से ही व्यापार की समृद्ध परंपरा रही है। विशाखापट्टनम प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण पोर्ट था। हजारों वर्ष पहले इस पोर्ट के जरिए पश्चिमी एशिया और रोम तक व्यापार होता था। आज भी विशाखापत्तनम भारत के व्यापार का केंद्र बिंदू बना हुआ है। 10 हजार करोड़ से अधिक रुपए के परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास, आंध्र प्रदेश और विशाखापट्टनम की आकांक्षाओं का माध्यम बनेगी। ये परियोजनाएं आधारभूत संरचना से लेकर ईज ऑफ लिविंग से लेकर आत्मनिर्भर भारत तक कई नए आयाम खोलेगी, विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
इस अवसर पर मैं हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और हरि बाबू को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि उन्होंने आंध्र प्रदेश के विकास के बारे में बहुत चर्चा की। आंध्र प्रदेश के लिए उनका प्यार और प्रतिबद्धता अद्वितीय है। आंध्र प्रदेश के लोग प्यार करने वाले स्वभाव के और उद्यमशील होते हैं। आज दुनिया के कोने-कोने और क्षेत्र में आंध्र प्रदेश के लोग अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। हर क्षेत्र में आंध्र प्रदेश के लोगों ने अपना नाम बनाया है। यह उनके मिलनसार और खुशमिजाज स्वभाव के कारण है।
यह कार्यक्रम बुनियादी ढांचे के बारे में हमारी दृष्टि को दर्शाता है। हमारे पास समावेशी विकास और समावेशी विकास का विजन है। हम इस बारे में स्पष्ट हैं कि हमें बुनियादी ढांचे में किस पर ध्यान देना है। सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी पर निर्भर करते हैं। इसलिए हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर नया अप्रोच अपनाया। हमने विकास के एकीकृत दृष्टिकोण को महत्व दिया।
आज जिस आर्थिक कॉरिडोर का हमने शिलान्यास किया, उसमें 6 लेन की सड़क है। बंदरगाह तक पहुंचने के लिए अलग सड़क बनाई जाएगी। एक तरफ हम विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन का रिडेवलपमेंट कर रहे हैं और दूसरी तरफ हम मछली पकड़ने के बंदरगाह का आधुनिकीकरण कर रहे हैं।
पीएलआई योजना, जीएसटी, आईबीसी, राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन और गति शक्ति के कारण भारत में निवेश बढ़ रहा है। इसके अलावा, हम गरीबों के कल्याण के लिए योजनाओं का विस्तार कर रहे हैं। गति शक्ति योजना ने बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लाई है और परियोजनाओं की लागत कम की है।
12 नवंबर को प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में 10,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला और लोकार्पण। 6-लेन के ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे के आंध्र प्रदेश खंड की आधारशिला, जिसे 3750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा। ये आर्थिक गलियारा छत्तीसगढ़ व ओडिशा के औद्योगिक नोड्स से लेकर विशाखापट्टनम बंदरगाह और चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच तेजी से संपर्क प्रदान करेगा। ये आंध्र प्रदेश और ओडिशा के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगा।
विशाखापट्टनम में कॉन्वेंट जंक्शन से शीला नगर जंक्शन तक एक समर्पित पोर्ट रोड की आधारशिला। ये स्थानीय यातायात और बंदरगाह जाने वाले मालवाहक यातायात को अलग करके विशाखापट्टनम शहर में यातायात की भीड़ को कम करेगा।
श्रीकाकुलम-गजपति कॉरिडोर के हिस्से के रूप में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एनएच-326ए का पथपट्टनम खंड राष्ट्र को समर्पित। ये परियोजना इस क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
आंध्र प्रदेश में ओएनजीसी की यू-फील्ड ऑनशोर डीप वाटर ब्लॉक परियोजना राष्ट्र को समर्पित, जिसे 2900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
लगभग 6.65 एमएमएससीएमडी की क्षमता वाली गेल की श्रीकाकुलम अंगुल प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला। 745 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन का निर्माण कुल 2650 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा।
करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला। ये पुनर्विकसित स्टेशन प्रति दिन 75,000 यात्रियों को सेवाएं देगा और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके यात्री अनुभव में सुधार करेगा।
विशाखापट्टनम फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण और अपग्रेडेशन की आधारशिला। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 150 करोड़ रुपये है। इसके बाद इस फिशिंग हार्बर की हैंडलिंग क्षमता 150 टन प्रति दिन से दोगुना होकर लगभग 300 टन प्रति दिन हो जाएगी।
रामागुंडम में 9500 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास। रामागुंडम में उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित। रामागुंडम परियोजना की आधारशिला भी 7 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी।
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