india Central Asia Summit की मेजबानी करेंगे प्रधानमंत्री मोदी, आपसी संबंधों को बढ़ाने पर देंगे जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2022 4:25 AM IST

नई दिल्ली :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों के साथ भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन (India-Central Asia Summit) की पहली बैठक की मेजबानी करेंगे। इस बैठक में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 

गणतंत्र दिवस समारोह के एक दिन बाद हो रही बैठक
यह बैठक गणतंत्र दिवस समारोह के एक दिन बाद हो रही है, इस बार कोरोना संक्रमण के चलते गणतंत्र दिवस में किसी भी देश के नेता को नहीं शामिल किया गया।  पांच मध्य एशियाई देशों के नेताओं के मुख्य अतिथि होने की संभावना थी, लेकिन कोरोना के चलते ये लोग भी शामिल नहीं हो सके। विदेश मंत्रालय का कहना है कि प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन भारत के ‘विस्तारित पड़ोस’का हिस्सा है।

अफगान संकट पर हो सकती है चर्चा
मध्य एशिया के देशों और भारत के बीच अपने तरह की यह पहली बैठक होगी, जिसमें आपसी संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने एवं उसमें मजबूती लाने के लिए नई संभावनाओं की तलाश की जाएगी।  इसके अतिरिक्त बैठक में अफगान मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती  है।  नवंबर में भारत द्वारा आयोजित अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में सभी पांच मध्य एशियाई देशों के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। 

कजाकिस्तान भारत को यूरेनियम का प्रमुख आपूर्तिकर्ता
शिखर सम्मेलन को लेकर विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह बैठक सभी छह देशों द्वारा व्यापक और स्थाई साझेदारी के महत्व को ईशारा करता है।  इन पांच मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के  मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं।  कजाकिस्तान भारत को यूरेनियम का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और इस क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार भी है।  द्विपक्षीय व्यापार, जिसमें ज्यादातर तेल शामिल है, 2020-21 के दौरान 1. 9 बिलियन डॉलर का था। 

यह भी पढ़ें- Russia Ukraine Conflict: जर्मनी-फ्रांस की कोशिशों से युद्ध का खतरा टला, दोनों देश सीजफायर को राजी

Share this article
click me!