ड्रोन महोत्सव में बाेले मोदी-पहले अनाज-कैरोसीन के लिए घंटों लाइन लगानी होती थीं, टेक्नोलॉजी ने ये डर मिटाया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(PM Narendra Modi) ने 27 मई को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में देश के सबसे बड़े ड्रोन उत्सव–'भारत ड्रोन महोत्सव 2022' का उद्घाटन किया। इस मौके पर मोदी ने किसान ड्रोन पायलटों से बातचीत भी की। उन्हाेंने ओपन-एयर ड्रोन उड़ान प्रदर्शन का अवलोकन किया और ड्रोन प्रदर्शनी केंद्र में स्टार्ट-अप के लोगों से चर्चा की।

नई दिल्ली. देश में ड्रोन तकनीक का खेती-किसानी और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में इस्तेमाल को बढ़ावा देने केंद्र सरकार आज एक नई कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(PM Narendra Modi) ने 27 मई को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में देश के सबसे बड़े ड्रोन उत्सव–'भारत ड्रोन महोत्सव 2022' का उद्घाटन किया। कार्यक्रम जारी है...

ये  Make in India है
मोदी ने कहा-आप सभी को भारत ड्रोन महोत्सव के आयोजन के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज इस ड्रोन प्रदर्शनी से मैं काफी प्रभावित हुआ हूं। मेरे लिए आज बहुत सुखद अनुभव रहा। जिन-जिन स्टॉल में मैं आज गया, वहां सभी लोग बहुत गर्व से कहते थे कि ये Make in India है। ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है। ये जो ऊर्जा नजर आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। 

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उभरते बड़े सेक्टर की संभावनाएं
ये भारत में Employment Generation के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है। Minimum government, maximum governance के रास्ते पर चलते हुए, ease of living, ease of doing business को हमने प्राथमिकता बनाया। ये उत्सव सिर्फ एक तकनीक का नहीं है, बल्कि नए भारत की नई गर्वनेंस का, नए प्रयोगों के प्रति अभूतपूर्व सकारात्मकता का भी उत्सव है। 8 वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी।

हमारे यहां मान लिया गया था कि तकनीक सिर्फ अमीरों की है
हमारे वहां ये मान लिया गया था कि तकनीक सिर्फ अमीर लोगों का कारोबार है, सामान्य लोगों की जिंदगी में इसका कोई स्थान नहीं है। इस पूरी मानसिकता को बदलकर हमने तकनीक को सर्वजन के लिए सुलभ करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और आगे भी उठाने वाले हैं। पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको anti-poor साबित करने की कोशिशें हुईं। इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा। इसका सबसे अधिक नुकसान देश के गरीब को हुआ, वंचित को हुआ, मिडिल क्लास को हुआ।

पहले के समय में घंटों लाइन लगती थीं
पहले के समय में लोगों को घंटों तक अनाज, कैरोसीन, चीनी के लिए लाइन लगानी होती थी।  लोगों को डर रहता था कि उनके हिस्से का सामान उन्हें मिल भी पाएगा या नहीं। आज तकनीक की मदद से हमने इस डर को समाप्त कर दिया है। अब लोगों को भरोसा है कि उनके हिस्से का उन्हें मिलेगा ही मिलेगा। टेक्नोलॉजी ने last mile delivery को सुनिश्चित करने में, saturation के विजन को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की है। मैं जानता हूं कि हम इसी गति से आगे बढ़कर अंत्योदय के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

21वी सदी का नया भारत
21वीं सदी के नए भारत में, युवा भारत में, हमने देश को नई strength देने के लिए, स्पीड और स्केल देने के लिए तकनीक को अहम माध्यम बनाया है। आज देश ने जो Robust, UPI फ्रेमवर्क डवलप किया है, उसकी मदद से लाखों करोड़ रुपए गरीब के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो रहे हैं। महिलाओं को, किसानों को, विद्यार्थियों को अब सीधे सरकार से मदद मिल रही है। एम स्वामित्व योजना के तहत पहली बार देश के गांवों की हर प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग की जा रही है। डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। इससे भेदभाव की गुंजाइश खत्म हुई है। इसमें बड़ी भूमिका ड्रोन की रही है। ड्रोन तकनीक हमारे कृषि सेक्टर को अब दूसरे स्तर पर ले जाने वाली है। स्मार्ट तकनीक आधारित ड्रोन इसमें बहुत काम आ सकते हैं। बीते 8 साल में जो प्रयास हुए हैं, उसने किसानों का तकनीक के प्रति भरोसा बहुत बढ़ा दिया है। आज देश का किसान तकनीक के साथ कहीं ज्यादा सहज है, उसे ज्यादा से ज्यादा अपना रहा है। पहले के समय में टेक्नोलॉजी और उससे हुए Invention, Elite Class के लिए माने जाते थे। आज हम टेक्नोलॉजी को सबसे पहले Masses को उपलब्ध करा रहे हैं। ड्रोन तकनीक भी इसका उदाहरण है। हमने बहुत कम समय में ड्रोन पर लगने वाले Restriction को हटा दिया है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा
महोत्सव के शुभारंभ पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया( Union Civil Aviation minister Jyotiraditya M. Scindia) ने कहा-अनुमान है कि वर्ष 2026 तक ड्रोन उद्योग 15,000 करोड़ रुपये के कारोबार तक पहुंच जाएगा। आज, भारत में 270 ड्रोन स्टार्टअप हैं। ड्रोन एक ऐसा विचार है जिसका भारत में समय आ गया है। प्रौद्योगिकी पहले, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण है लोग पहले, पीएम कहते हैं। हालांकि, एक ड्रोन सुरक्षा बलों को सुरक्षा बनाए रखने में मदद कर सकता है, यह किसानों की भी मदद कर सकता है। हमने नए ड्रोन नियम लाए हैं और एक ड्रोन स्पेस मैप जारी किया है।

2 दिन चलेगा भारत ड्रोन महोत्सव-2022
भारत ड्रोन महोत्सव 2022 दो दिन 27 और 28 मई को आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्ट-अप आदि सहित 1600 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। प्रदर्शनी में 70 से अधिक प्रदर्शक ड्रोन के विभिन्न उपयोगों के बारे में प्रदर्शन करेंगे। महोत्सव में अन्य कार्यक्रमों के अलावा ड्रोन पायलट प्रमाणपत्र का वर्चुअल वितरण, उत्पादों की लॉचिंग, पेनल चर्चा, उड़ान प्रदर्शन, मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप की प्रदर्शनी आदि को भी शामिल किया गया है।

25 अगस्त, 2021 को ड्रोन संबंधी नोटिफिकेशन जारी हुआ था
ड्रोन को लेकर केंद्र सरकार ने नए नियम बनाए हैं। इस संबंध में 25 अगस्त, 2021 को अधिसूचना(notification) जारी की गई थी। यानी अब ड्रोन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सरल हो गई है। सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म (Digital Sky Platform)  के माध्यम से कराया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई ड्रोन नीति को स्टॉर्ट अप और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए उपयोगी बताया है।

ये हैं Drone Rules, 2021 
गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए अब किसी पायलट लाइसेंस की जरूर नहीं है। सभी ड्रोन ट्रेनिंग और एग्जाम एक अधिकृत ड्रोन स्कूल लेगा। डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस देगा। अनुसंधान एवं विकास संस्थाओं के लिए प्रकार प्रमाण पत्र, विशिष्ट पहचान संख्या, पूर्व अनुमति और दूरस्थ पायलट लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है।

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