असम में PM मोदी-'हमने नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से AFSPA हटा दिया, पहले बम-गोलियां गूंजती थीं, अब तालियां'

असम में दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा कैंसर केयर नेटवर्क स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi Narendra Modi) ने आज डिब्रूगढ़ से 7 कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया। पीएम  ने अन्य कई प्रोजेक्ट की नींव रखी। इससे पहले असम पहुंचने पर पीएम मोदी का मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा (Himanta Biswa Sarma)  ने अगवानी की।

Amitabh Budholiya | Published : Apr 28, 2022 2:03 AM IST / Updated: Apr 28 2022, 01:57 PM IST

गुवाहाटी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) आज असम के दौरे पर हैं। असम में दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा कैंसर केयर नेटवर्क स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi Narendra Modi) ने डिब्रूगढ़ से 7 कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया। पीएम ने अन्य कई प्रोजेक्ट की नींव रखी और उद्घाटन किया। इससे पहले असम पहुंचने पर पीएम मोदी का मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा (Himanta Biswa Sarma)  ने अगवानी की।

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दीफू, कार्बी अलॉन्ग में  बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नेे कार्बी आंगलोंग जिले के दीफू में ‘शांति, एकता और विकास रैली’ को संबोधित किया। यहां से उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखी। मोदी ने कहा-जिन राज्यों में डबल इंजन वाली सरकार है, वहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम होता है। पिछले साल कार्बी आंगलोंग के कई संगठन शांति और विकास के संकल्प में शामिल हुए थे। बोडो समझौते ने 2020 में स्थायी शांति के लिए नए दरवाजे खोले।

असम में स्थायी शांति तेज विकास तेज गति से चल रहा है
आप सभी ने बीते दशकों में एक लंबा समय बहुत मुश्किलों से गुजारा है। लेकिन 2014 के बाद नार्थ ईस्ट में मुश्किलें लगातार कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है। असम की स्थायी शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था। उसको जमीन पर उतारने का काम आज तेज गति से चल रहा है। हथियार छोड़कर जो साथी राष्ट्र निर्माण के लिए लौटे हैं, उसके पुनर्वास के लिए भी बेहतर काम किया जा रहा है। आज जो शिलान्यास के कार्यक्रम हुए हैं, ये सिर्फ किसी इमारत का शिलान्यास नहीं है, ये यहां नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास है। 

उच्च शिक्षा की अब यही व्यवस्था
उच्च शिक्षा के लिए अब यहीं पर उचित व्यवस्था होने से अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएगा।  ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जन्मजयंति भी मना रहे हैं। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है। मुझे जब-जब आपके बीच आने का मौका मिला है, आपका भरपूर प्यार, आपका अपनापन देखकर ऐसा लगता है कि जैसे ईश्वर का आशीर्वाद मिल रहा है। इतनी बड़ी संख्या में आप लोग यहां आए हैं, वो भी अपनी परंपरागत वेशभूषा में आए हैं, इसके लिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

जनजातीयय समाज की संस्कृति और जल जीवन मिशन
मोदी ने कहा-जनजातीय समाज की संस्कृति, यहां की भाषा, खान-पान, कला, हस्तशिल्प, ये सभी हिंदुस्तान की समृद्ध धरोहर है। असम तो इस मामले में और भी समृद्ध है। यही सांस्कृतिक धरोहर भारत को जोड़ती है, एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव को मज़बूती देती है। जल जीवन मिशन के शुरु होने से पहले तक यहां 2 प्रतिशत से कम गांवों के घरों में पाइप से पानी पहुंचता था, वहीं अब 40 प्रतिशत परिवारों तक पाइप से पानी पहुंच चुका है। मुझे विश्वास है कि जल्द से जल्द असम के हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने लगेगा।

गांवों का विकास भी जरूरी
राष्ट्र के विकास के लिए राज्य का विकास और राज्य के विकास के लिए नगरों का, गांवों को विकास  बहुत जरूरी है। गांवों का सही विकास तभी संभव है, जब स्थानीय आवश्यकताओं के, स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार विकास योजनाएं बनें और उन पर सही अमल किया जाए। बोडो अकॉर्ड हो या फिर कार्बी आंगलोंग का समझौता, लोकल सेल्फ गवर्नेंस पर हमनें बहुत बल दिया है। केंद्र सरकार का बीते 7-8 साल से ये निरन्तर प्रयास रहा है कि स्थानीय शासन की संस्थाओं को सशक्त किया जाये, अधिक पारदर्शी बनाया जाए।
सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है। असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों को भी प्रोत्साहित करेगी। इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास की आकांक्षाओं को बल मिलेगा।

हथियार डालकर लौटते युवा
आज मैं जब हथियार डालकर जंगल से लौटते नौजवानों को अपने परिवार के पास वापस लौटते हुए देखता हूं और मैं जब उन माताओं की आंखों की खुशी महसूस करता हूं। तो मुझे आशीर्वाद की अनुभूति होती है। नॉर्थ ईस्ट में सरकार और समाज के सामुहिक प्रयासों से जैसे-जैसे शांति लौट रही है, वैसे-वैसे पुराने नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है।

बीते 8 सालों में स्थायी शांति
बीते 8 सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है। आज पूरा देश ये देख रहा है कि बीते सालों में हिंसा, अराजकता और अविश्वास की दशकों पुरानी समस्याओं का कैसे समाधान किया जा रहा है। पहले जब इस क्षेत्र की चर्चा होती थी, तो कभी बम और कभी गोली की आवाज सुनाई देती थी। लेकिन आज तालियां गूंज रही हैं। कार्बी आंगलोंग या दूसरे जनजातीय क्षेत्रों में हम विकास और विश्वास की नीति पर ही काम कर रहे हैं। आप जानते हैं कि मैंने आपकी समस्याओं को, इस क्षेत्र की दिक्कतों को आप ही के परिवार के एक सदस्य के रूप में, आप के ही एक भाई और बेटे की तरह समझने की कोशिश की है। आजादी के अमृतकाल में कार्बी आंगलोंग भी शांति और विकास के नए भविष्य की तरफ बढ़ रहा है। अब यहां से हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना है। आने वाले कुछ वर्षों में हमें उस विकास की भरपाई करनी है, जो बीते दशकों में नहीं कर पाए थे।

अस्पतालों का उद्घाटन

दोपहर प्रधानमंत्री मोदी असम मेडिकल कॉलेज डिब्रूगढ़ पहुंचे और डिब्रूगढ़ कैंसर अस्पताल राष्ट्र को समर्पित किया।


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दक्षिण एशिया में सबसे अधिक कैंसर हॉस्पिटल
असम कैंसर केयर फाउंडेशन, जो कि असम सरकार और टाटा ट्रस्ट्स का एक संयुक्त उद्यम है, पूरे राज्य में फैले 17 कैंसर केयर अस्पतालों वाला दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा किफायती कैंसर केयर नेटवर्क बनाने की एक परियोजना में जुटा है। पहले फेज में 10 अस्पतालों में से सात बन चुके हैं।  तीन अस्पताल जल्द तैयार हो जाएंगे। दूसरे चरण में सात नए कैंसर अस्पतालों का निर्माण होगा। जो कैंसर अस्पताल बनकर तैयार हो चुके हैं वे-डिब्रूगढ़, कोकराझार, बारपेटा, दारांग, तेजपुर, लखीमपुर और जोरहाट में हैं। इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत धुबरी, नलबाड़ी, गोलपाड़ा, नागांव, शिवसागर, तिनसुकिया और गोलाघाट में बनाए जाने वाले सात नए कैंसर अस्पताल बनने हैं।

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