बेंगलुरु में India Energy Week: तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप पर मोदी की पहल, हम मदद को तत्पर हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (6 फरवरी) को कर्नाटक के दौरे पर पहुंचे। मोदी ने बेंगलुरु में भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 का उद्घाटन किया। उन्होंने विभिन्न डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास भी किया। कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। 

बेंगलुरु(Bengaluru). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (6 फरवरी) को कर्नाटक के दौरे पर पहुंचे। मोदी ने बेंगलुरु में भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 का उद्घाटन किया। उन्होंने विभिन्न डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहे। कर्नाटक में भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां अभी बीजेपी की सरकार है। लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी कर्नाटक की सत्ता को हर संभव अपने पास रखने का प्रयास करने वाली है।

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मोदी ने कहा-इस समय तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप पर हम सभी की दृष्टि लगी हुई है। बहुत से लोगों की दुखद मृत्यु और बहुत नुकसान की खबरें हैं। भारत के 140 करोड़ लोगों की संवेदनाएं, भूकंप पीड़ितों के साथ हैं। हम भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं।

इनोवेशन की एनर्जी-मोदी ने कहा-बेंगलुरु टेक्नोलॉजी, टैलेंट और इनोवेशन की एनर्जी से भरा एक शहर है। मेरी तरह आप भी यहां के युवा ऊर्जा को अनुभव कर रहे होंगे। ये भारत की जी-20 प्रेसिडेंसी कैलेंडर का पहला बड़ा एनर्जी इवेंट है। आज हमारी G20 अध्यक्षता के बाद पहली ऊर्जा घटना है। मैं सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों का दिल से स्वागत करता हूं। महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत एक global bright spot रहा है। External circumstances जो भी रहे, भारत ने internal resilience की वजह से हर चुनौती को पार किया। इसके पीछे multiple factors ने काम किया। पहला- Stable government, दूसरा- Sustained reforms, तीसरा- Grassroot पर Socio-Economic Empowerment.

भारत में एनर्जी सेक्टर-मोदी ने कहा-एनर्जी सेक्टर को लेकर भारत की strategy के 4 major verticals हैं। पहला- Domestic Exploration और Production को बढ़ाना, दूसरा - Supplies का Diversification, तीसरा - Biofuels, Ethanol, Compressed Bio Gas और Solar जैसे Alternative Energy Sources का विस्तार और चौथा- Electric Vehicle और Hydrogen के जरिए Decarbonization.

हम वर्ष 2030 तक अपने Energy Mix Natural Gas Consumption को बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त एक और सेक्टर जिसमें भारत, विश्व में Lead ले रहा है, वो है ग्रीन हाइड्रोजन का। National Green hydrogen mission, 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देगा।

लोगों के जीवन में बदलाव- पीएम ने कहा-गांवों में इंटरनेट की सुविधा देने के लिए 6 लाख किलोमीटर से ज्यादा का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया गया है। भारत में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 9 साल पहले की तुलना में 9 गुना हो गई है, और इसी अवधि में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या तीन गुना हो गई है।

आज लोगों के जीवन में बदलाव आ रहा है। उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण से लेकर उनके डिजिटल उन्नयन और सशक्तिकरण की जरूरतें भी पूरी हुई हैं। वर्ष 2014 के बाद से, Green Energy को लेकर भारत का कमिटमेंट और प्रयास पूरी दुनिया देख रही है। बीते 9 वर्षों में भारत में Renewable Energy कैपेसिटी करीब 70 गीगावॉट से बढ़कर करीब 170 गीगावॉट हो चुकी है। इसमें भी सोलर पावर कैपेसिटी 20 गुना से ज्यादा बढ़ी है। आज भारत विंड पावर कैपेसिटी के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है। हम इस दशक के अंत तक 50 प्रतिशत नॉन फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। आज भारत निवेशकों और ऊर्जा क्षेत्र के अन्य हितधारकों के लिए बेहतरीन अवसर लेकर आया है।भारत आने वाले समय में नए शहरों की बढ़ती संख्या देखेगा; अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा संघ के निष्कर्षों में कहा गया है कि आने वाले दशक में भारत में ऊर्जा की अधिकतम मांग होगी।

आने वाले समय का भारत-भारत आने वाले समय में नए शहरों की बढ़ती संख्या देखेगा; अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा संघ के निष्कर्षों में कहा गया है कि आने वाले दशक में भारत में ऊर्जा की अधिकतम मांग होगी। 2014 में, भारत में गैस पाइपलाइन की लंबाई लगभग 14,000 किमी थी; अब यह 22,000 किमी से अधिक है। यह नेटवर्क अगले 4-5 साल में 35,000 किमी की लंबाई को पार कर जाएगा। यदि हम एक वर्ष में ऐसी 10 करोड़ बोतलों के पुनर्चक्रण का लक्ष्य रखते हैं, तो यह वास्तव में पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे 'मिशन लाइफ' को भी मजबूती मिलेगी। 'Reduce, Re-use and Recycle' का मंत्र हमारी परंपराओं में रहा है। वर्दी के कपड़े में प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल करने का हालिया उदाहरण शानदार है।

भारत ऊर्जा सप्ताह में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा- इवेंट इंडिया एनर्जी वीक भारत की ऊर्जा सुरक्षा, हमारे नागरिकों के लिए सामर्थ्य और पहुंच सुनिश्चित करते हुए वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में भारत की भूमिका के लिए पीएम की दीर्घकालिक दृष्टि से पैदा हुआ था। भारत के पहले व्यापक ऊर्जा कार्यक्रम के रूप में, अपने जी20 प्रेसीडेंसी के वर्ष में संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को कवर करते हुए, आईईडब्ल्यू 2023 जी20 कैलेंडर में एक प्रमुख चर्चा मंच है।

पीएम मोदी का बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र (BIEC) पहुंचने पर सीएम बोम्मई और राज्यपाल ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 का उद्घाटन। आयोजन 6 से 8 फरवरी तक होगा तथा इसका उद्देश्य ऊर्जा अंतरण महाशक्ति(energy transfer superpower) के रूप में भारत की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करना है। आयोजन में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा उद्योग, सरकारों और अकादमिक जगत की हस्तियां एकत्र होंगी तथा उन चुनौतियों व अवसरों पर चर्चा करेंगी, जो एक जवाबदेह ऊर्जा अंतरण में मौजूद होती हैं। कार्यक्रम में दुनिया भर के 30 से अधिक मंत्रियों की उपस्थिति रहेगी। 30,000 से अधिक प्रतिनिधि, 1000 प्रदर्शनकर्ता और 500 वक्ता भारत के ऊर्जा भविष्य की चुनौतियों व अवसरों पर चर्चा करेंगे।

इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम-ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिये एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम हमेशा से सरकार के कार्यक्रमों के केंद्र में रहा है। सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण, इथेनॉल उत्पादन क्षमता में 2013-14 से छह गुना वृद्धि दर्ज की गई है। एथेनॉल मिश्रण रोडमैप के अनुरूप 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशो में तेल विपणन कंपनियों के 84 रिटेल आउटलेट में ई-20 ईंधन की शुरुआत। ई-20 ईंधन के तहत पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल का मिश्रण किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि 2025 तक एथेनॉल का मिश्रण पूरी तरह 20 प्रतिशत तक पूरा कर लिया जाए। इसके साथ ही तेल विपणन कंपनियां 2जी-3जी एथेनॉल संयंत्र लगा रही हैं, जिससे इस कार्य में प्रगति होगी।

ग्रीन मोबिलिटी रैली-ग्रीन मोबिलिटी रैली को झंडी। रैली से हरित ईंधन के प्रति लोगों को जागरूक में करने मदद मिलेगी। इंडियन ऑयल की 'अनबॉटल्ड' पहल के तहत वर्दी की लॉन्चिंग। सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप, इंडियन ऑयल ने खुदरा ग्राहक परिचारकों और एलपीजी डिलीवरी कर्मियों के लिए वर्दी तैयार की है, जो री-साइकिल किए हुए पॉलियस्टर (आरपीईटी) और कपास से बनी हैं। इंडियन ऑयल के ग्राहक-परिचारकों की वर्दी का प्रत्येक सेट लगभग 28 इस्तेमाल की गई पीईटी बोतलों को री-साइकिल करके तैयार किया गया है।

इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम- इंडियन ऑयल के इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन-कुकटॉप मॉडल का लोकार्पण और इसके वाणिज्यिक रोल-आउट का शुभारंभ। इंडियन ऑयल ने इससे पहले एकल कुकटॉप के साथ एक अभिनव और पेटेंट इनडोर सोलर कुकिंग सिस्टम विकसित किया था। 

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए तुमकुरु में एचएएल हेलीकॉप्टर फैक्ट्री राष्ट्र को समर्पित। इसकी आधारशिला 2016 में मोदी ने ही रखी थी। यह एक समर्पित नया ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर कारखाना है, जो हेलीकॉप्टर बनाने की क्षमता और इको-प्रणाली को बढ़ाएगा। यह हेलीकॉप्टर कारखाना एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण सुविधा है और शुरू में लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) का उत्पादन करेगी। एलयूएच की डिजाइन पूरी तरह स्वदेशी है। यह एक विकसित 3-टन वर्ग, एकल इंजन बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर है, जिसमें उच्च कार्यशीलता की अनोखी विशेषतायें मौजूद हैं।

यह सुविधा भारत को स्वदेशी रूप से हेलीकॉप्टरों की अपनी हर जरूरत को पूरा करने में सक्षम बनाएगी तथा भारत को हेलीकॉप्टर डिजाइन, विकास और निर्माण में आत्मनिर्भर बनाएगी।

कारखाने में उद्योग 4.0 मानकों का विनिर्माण प्रारूप तैयार किया जायेगा। अगले 20 वर्षों में, एचएएल तुमकुरु तीन से 15 टन की श्रेणी के 1000 से अधिक हेलीकॉप्टरों का उत्पादन करने की योजना बना रहा है। इससे क्षेत्र में लगभग 6000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

इंडस्ट्रियल टाउनशिप-तुमकुरु औद्योगिक टाउनशिप की आधारशिला। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत तुमकुरु में तीन चरणों में 8484 एकड़ में फैली औद्योगिक टाउनशिप के विकास का काम चेन्नई-बैंगलुरु औद्योगिक गलियारे के भाग के रूप में शुरू किया गया है।

जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट्स-तुमकुरु में तिपटूर और चिक्कनायकन हल्ली में दो जल जीवन मिशन परियोजनाओं की आधारशिला। तिपटूर बहु-ग्राम पेयजल आपूर्ति परियोजना 430 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई जाएगी। चिक्कानायकन हल्ली तालुक की 147 बस्तियों के लिए बहु-ग्राम जल आपूर्ति योजना लगभग 115 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी। इन परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जा सकेगी।

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