...लेकिन शहंशाह हैं, दरबार हाल का नाम बदलने पर प्रियंका गांधी का मोदी पर कटाक्ष

Published : Jul 25, 2024, 05:23 PM ISTUpdated : Jul 25, 2024, 07:04 PM IST
Priyanka Gandhi Wayanad By Election

सार

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने राष्ट्रपति भवन के अशोक हाल व दरबार हाल का नाम बदले जाने पर पीएम पर तंज कसा। प्रियंका गांधी ने कहा कि दरबार का कांसेप्ट भले ही खत्म हुआ लेकिन शहंशाह का कांसेप्ट है।

Ashok Hall and Durbar Hall renamed: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया। राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल और अशोक हाल का नाम बदले जाने पर प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि दरबार का अस्तित्व समाप्त हुआ है लेकिन शहंशाह हैं।

क्या कहा है प्रियंका गांधी ने दरबार हाल का नाम बदले जाने पर?

प्रियंका गांधी वाड्रा ने राष्ट्रपति भवन में स्थित दरबार हाल और अशोक हाल के नाम बदले जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दरबार का कांसेप्ट नहीं है लेकिन शहंशाह का कांसेप्ट है। प्रियंका गांधी का यह कटाक्ष सीधे तौर पर पीएम मोदी पर था लेकिन उन्होंने उनका नाम लिए बगैर यह हमला बोला।

प्रियंका के कटाक्ष पर बीजेपी का जवाब

प्रियंका गांधी द्वारा शहंशाह वाला बयान देकर पीएम मोदी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किए जाने पर बीजेपी ने हमला बोला है। बीजेपी नेता आरपी सिंह ने कहा कि परिवारवादी लोगों से हम क्या अपेक्षा कर सकते हैं। वह कभी भी गणतंत्र को सपोर्ट नहीं कर सकत हैं। ऐसे लोग हमेशा ही परिवारवाद और परिवार को बढ़ावा देने में लगे रहते हैं।

राष्ट्रपति सचिवालय ने नाम बदले जाने का नोटिफिकेशन जारी किया

राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल - 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' - का नाम बदलकर क्रमशः 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप' कर दिया गया है। इसके लिए राष्ट्रपति भवन से नोटिफिकेशन जारी किया गया है। राष्ट्रपति सचिवालय ने प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के रेजिडेंस के दो हॉल के नाम बदले जाने संबंधी बयान में कहा कि इसे अब लोगों के लिए और अधिक सुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रपति भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार को और प्रतिबिंबित किया जाएगा। राष्ट्रपति सचिवालय ने बताया कि 'दरबार हॉल' राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों और समारोहों का स्थल है। दरबार शब्द का तात्पर्य भारतीय शासकों और अंग्रेजों के दरबार और सभाओं से है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद, यानी 'गणतंत्र' के बाद इसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई। पढ़िए क्यों बदला गया राष्ट्रपति भवन के दो हाल का नाम?

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