अपने ही आरोपों से पलटीं प्रियंका, अब कही यह बात; योगी के मंत्री ने कहा, अब बहन बनी झूठ की चैंपियन

प्रियंका ने आरोप लगाया कि लखनऊ पुलिस ने उनका गला दबाया और धक्का देकर गिरा दिया। इस बयान के कुछ देर बाद प्रियंका पलट गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने मेरे गले में हाथ डाला और धक्का दिया। वहीं, पुलिस उनके आरोपों को खारिज कर रही है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार के मंत्री ने भी निशाना साधा है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2019 4:04 AM IST

लखनऊ. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने दो दिवसीय लखनऊ दौरे के पहले दिन शनिवार शाम पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवारवालों से मिलने पहुंचीं। इस दौरान रास्ते में कुछ देर के लिए पुलिस ने प्रियंका के काफिले को रोक लिया था। जिसके बाद प्रियंका ने आरोप लगाया कि लखनऊ पुलिस ने उनका गला दबाया और धक्का देकर गिरा दिया। इस बयान के कुछ देर बाद प्रियंका पलट गईं। वहीं, प्रियंका गांधी के साथ हुई कथित बद्सलूकी के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है।

मेरे गले पर लगाया हाथ 

प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं दारापुरी की फैमिली से मिलने जा रही थी। पुलिस ने बार-बार रोका। जब गाड़ी को रोका और मैंने पैदल जाने की कोशिश की तो मुझे घेर के रोका और मेरे गले पर हाथ लगाया, मुझे गिरा भी दिया था एकबार। हालांकि प्रियंका गांधी ने शनिवार शाम कहा था कि पुलिस ने मेरा गला दबाया, मुझे धकेला जिससे मैं गिर गई। लेकिन उन्होंने अपने बयानों पर ही पलटी मारते हुए कहा कि मुझे घेर के रोका और गले पर हाथ लगाया। 

बीजेपी ने बताया नौटंकी

इससे पहले गला दबाने वाले बयान को लेकर बीजेपी ने इसे प्रियंका गांधी वाड्रा की नौटंकी करार दिया है। यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस संबंध में ट्वीट कर कांग्रेस महासचिव की आलोचना की है। उधर, कांग्रेस ने यूपी सरकार को बर्खास्‍त कर राष्‍ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

सीओ ने आरोपों को किया खारिज 

"इसमें बिल्कुल सत्यता नहीं है। मैं प्रियंका गांधी वाड्रा के फ्लीट की इंचार्ज थी। उनके साथ किसी ने भी अभद्रता नहीं की है। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी की। इस घटना के दौरान मेरे साथ भी धक्कामुक्की हुई थी।" वहीं, लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि आरोप पूरी तरह गलत हैं। इस संबंध में सीओ एमसीआर डॉ. अर्चना सिंह ने रिपोर्ट दी है। सीओ अर्चना सिंह प्रियंका गांधी की फ्लीट की प्रभारी थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियंका गांधी पार्टी दफ्तर से गोखले मार्ग के लिए निकली थीं। उनकी फ्लीट तय रास्ते से न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। इस पर जब बातचीत की गई तो कोई सही जवाब नहीं मिला। बाकी आरोप गलत हैं।

'बहन भी झूठ की चैंपियन हो गई'

प्रियंका द्वारा लखनऊ पुलिस पर लगाए गए आरोपों के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। श्रीकांत शर्मा ने कहा, 'कानून तोड़ना, दंगाइयों का साथ देना, अराजकता फैलाना और झूठ बोलना कांग्रेस की संस्कृति बन गई है। प्रियंका की मौजूदगी में कांग्रेसी गुंडों ने महिला पुलिस अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया। कांग्रेस को शांत प्रदेश पसंद नहीं है। अब तक तो भाई ही झूठ बोलते थे। अब बहन भी झूठ की चैंपियन हो गई है।'

यह है पूरा मामला 

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा भड़काने तथा अन्य आरोप में पुलिस ने पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी, सोशल ऐक्टिविस्ट तथा कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर को गिरफ्तार किया हुआ है। एसआर दारापुरी और सदफ जफर की फैमिली से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को रास्ते में पुलिस ने रोक लिया। इस पर प्रियंका ने कहा, 'हमें रोड पर रोकने का कोई मतलब ही नहीं है। यह मामला एसपीजी का नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस का है।'

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