कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब पहनने पर लगेगा बैन, सरकार ला रही एक यूनिफॉर्म कोड

सार

कर्नाटक सरकार कॉलेजों में एक यूनिफॉर्म लाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि हाल में उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में छात्रों को हिजाब (hijab) पहनने पर कक्षा में जाने से रोक दिया गया था। इसे लेकर विवाद सामने आया था। सरकार का मानना है कि स्कूलों और कॉलेजों में सार्वभौमिक(universal) भावना होनी चाहिए।

बेंगलुरु(Bengaluru).कर्नाटक सरकार कॉलेजों में एक यूनिफॉर्म लाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि हाल में उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में छात्रों को हिजाब (hijab) पहनने पर कक्षा में जाने से रोक दिया गया था। इसे लेकर विवाद सामने आया था। सरकार का मानना है कि स्कूलों और कॉलेजों में सार्वभौमिक(universal) भावना होनी चाहिए। गणतंत्र दिवस 2022 (Republic Day 2022) से एक दिन पहले कर्नाटक (Karnataka) के गृह मंत्री अरागा जनेंद्र (Araga Jananendra) ने इस संबंध में बयान दिया।

सभी में यूनिवर्सल भावना होनी चाहिए
अरागा जनेंद्र (Araga Jananendra) ने मीडिया से चर्चा करते हुए सवाल उठाया कि अगर छात्र धर्म की तरह व्यवहार करेंगे, तो ये अधिक महत्वपूर्ण है, कि हम किस तरह का भविष्य बना रहे हैं? अरागा ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में एक सार्वभौमिक भावना होनी चाहिए, क्योंकि हम सभी भारतीय हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सभी कॉलेजों में यूनिफॉर्म लाने की योजना तैयार कर रही है। हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार, शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने भी यही संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि उडुपी में कॉलेज से जो जानकारी मिली, उससे पता चला कि स्कूल विकास और निगरानी समिति (एसडीएमसी) ने 1985 में स्कूल में एक यूनिफॉर्म कोड पेश किया था। इसे लेकर अब तक कोई समस्या नहीं हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि हिजाब की अनुमति और अदालत के फैसलों पर भी गौर किया जाएगा। प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा विभाग की निदेशक स्नेहल आर के मुताबकि अभी तक प्रस्ताव के लिए कोई सिफारिश तैयार नहीं की की गई है, लेकिन कोशिश होगी कि आगामी शैक्षणिक वर्ष से यह लागू किया जा सके।

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विपक्षी नेताओं ने किया विरोध
इस प्रस्ताव का विपक्ष ने विरोध किया है। पूर्व राज्यसभा सांसद और केके एजूकेशनल इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष के रहमान खान ने कहा कि भारत एक सांस्कृतिक रूप से विविधता वाला देश है। ऐसा नियम इसके खिलाफ होगा। उन्होंने तर्क दिया कि एक विविध समाज में,विशेष रूप से सांस्कृतिक पहलुओं में एकरूपता लाना संभव नहीं है। खान ने सिख समुदाय का उदाहरण दिया कि उन्हें दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने की अनुमति है। खान ने इसके लिए अनुच्छेद 29 और 26 का हवाला दिया।

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