उत्तराखंड में टूरिस्ट स्पॉट पर देहव्यापार(Prostitution) की शिकायतें आन पर लगातार छापेमार कार्रवाई होती रही है। पुलिस ने हल्द्वानी में एक मकान पर छापा मारकर 4 लड़कियों और 4 लड़कों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 2 डिलीवरी बॉय हैं। आशंका है कि ये भी इस सेक्स रैकेट का हिस्सा रहे हैं।
हल्द्वानी, उत्तराखंड. यहां के पर्यटन स्थलों पर देह व्यापार के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चलाती रही है। पुलिस ने SOG की मदद से हल्द्वानी में एक मकान पर छापा मारकर 4 लड़कियों और 4 लड़कों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 2 डिलीवरी बॉय हैं। आशंका है कि ये भी इस सेक्स रैकेट का हिस्सा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, नैनीताल पुलिस के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल एवं अपराधियों की धरपकड़ के लिए बनाई गई एसओजी(Special Operation Group) की संयुक्त टीम ने हल्द्वानी में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया। पुलिस को मौके से 10 मोबाइल, 40 हजार रुपए नकद और कुछ आपत्तिजनक चीजें मिली हैं। बुधवार देर रात सभी को पकड़ा गया था। गुरुवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। इनके खिलाफ देह व्यापार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
किराये के मकान में चल रहा था ये
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को लालडांट स्थित एक घर में सैक्स रैकेट संचालित होने की सूचना मिली थी। जानकारी को पुख्ता करने के बाद किराये के मकान पर छापा मारा गया। यहां से पकड़ी गई एक महिला असम की निकली। वो यहां स्पेशल बुलाई गई थी। जब पुलिस ने घर पर छापा मारा, तब ज्यादातर लोग आपत्तिजनक हालत में थे। इससे पहले पुलिस ने मकान को चारों तरफ से घेर लिया था, ताकि कोई भाग नहीं सके।
पति-पत्नी चला रहे थे रैकेट
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि यह रैकेट कोलकाता की रहने वाली एक महिला अपने पति अनुरुल शेख के साथ चला रही थी। दोनों अरेस्ट किए जा चुके हैं। इनके साथ असम के एक और दंपति को पकड़ा गया है। महिला के पति का नाम अली हैदर है। तीसरी महिला भी कोलकाता से है। उसने बताया कि पैसों के लालच में वो हल्द्वानी आ गई थी। चौथी लड़की दिल्ली से है।
डिलीवरी बॉय भी रैकेट से जुड़े थे
पुलिस ने काठगोदाम नई बस्ती निवासी ग्राहक शादाब व फैजल खान को भी पकड़ा है। आरोपी अनुरुल शेख और अली हैदर ग्राहक तलाशते थे। ये डिलीवरी बॉय हैं। लेकिन पैसों के लालच में इस गलत धंधे में उतर गए। महिला सरगना का एक ढाई साल का बेटा है। आरोपियों ने बताया कि ये लोग लंबे समय से शहर में यह काम कर रहे थे। हालांकि हर डेढ़ महीने में मकान बदल देते थे।